धनबाद: धनबाद में झमाडा कर्मचारी बकाए वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर चले गए हैं. इसे लेकर डीसी ने झमाडा के प्रबंध निदेशक को तत्काल जलापूर्ति करने और जल संयंत्रों पर कार्य बहाल करने का आदेश दिया है. निर्देशों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 51 से 60 के तहत डीसी ने कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.
उपायुक्त उमा शंकर सिंह ने झमाडा के प्रबंध निदेशक को तत्काल जलापूर्ति का इंतजाम कराने और जल संयंत्रों पर कार्य बहाल कराने का आदेश दिया है, उन्होंने अपने आदेश में कहा है कि आपदा के समय पानी जैसी मूलभूत सुविधा में बाधा उत्पन्न करना भारत सरकार और झारखंड सरकार के निर्देशों का उल्लंघन है, निर्देशों का उल्लंघन करने वाले के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत उपायुक्त ने कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी है.
उपायुक्त ने कहा कि कोई भी व्यक्ति या संघ, जो जलापूर्ति का कार्य (जामाडोबा एवं अन्य जल संयंत्रों में) बहाल करने में बाधा उत्पन्न करते हैं उनके विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51 से 60 के तहत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने इस आदेश को गंभीरता से लेने को कहा है, साथ ही प्रबंध निदेशक को कर्मियों से समन्वय स्थापित कर समस्या के निराकरण के लिए प्रयासरत रहने का निर्देश दिया है.
29 जुलाई से जलापूर्ति बाधित
वहीं प्रबंध निदेशक झमाडा ने उपायुक्त को बताया कि 29 जुलाई की मध्य रात्रि से कार्य बहिष्कार के कारण जलापूर्ति कार्य बाधित है. झमाडा के निदेशक ने बताया कि कर्मचारियों के प्रतिनिधि के रूप में मोहम्मद असलम और विशेश्वर महतो को वार्ता के लिए बुलाया था, परंतु वे अनुपस्थित रहे. उन्होंने बताया कि कर्मियों का एक महीने के वेतन का चेक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, मुख्य शाखा, बैंक मोड़ में दिया गया है, लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण बैंक की शाखा सील है इसलिए भुगतान नहीं हो पाया है.
हड़ताल पर झमाडा कर्मचारी
बता दें कि झरिया झमाडा कर्मचारी कार्य बहिष्कार कर हड़ताल पर चले गए हैं, मांगे पूरी नहीं होने तक हड़ताल पर बने रहने की घोषणा झमाडा कर्मियों ने की है. झरिया झमाडा कर्मियों की घोषणा के बाद तेतुलमारी के झमाडा कर्मचारियों ने भी बकाए वेतन की मांग को लेकर हड़ताल पर जाने की घोषणा की है. जिला प्रशासन को इसकी सूचना मिलने के बाद उन्होंने चेतावनी दी है.