रांची: भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि झारखंड सरकार प्रवासी मजदूरों के हितों की रक्षा करने में पूरे तरीके से असफल रही है. प्रतुल ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने प्रवासी मज़दूरों को रोजगार देने के लिए 4 मई को तीन बड़ी योजना की शुरुआत की थी.
2 लाख एकड़ से ज़्यादा परती पड़ी सरकारी जमीन के वनीकरण हेतु ‘बिरसा हरित ग्राम योजना’, बरसात के पानी का संरचन करने के लिए ‘नीलाम्बर पीताम्बर जल समृद्धि योजना’ एवं रोजगार उपलब्ध कराने और ग्रामीण क्षेत्रों में खेल के मैदानों को विकसित करने के लिए ‘वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना’ की शुरुआत की गयी थी.
प्रतुल ने कहा की ये सारी योजनाएं कागजों में सिमट कर रह गई और जितना इन पर काम होना चाहिए था वह नहीं हुआ. अगर सरकार इन योजनाओं का ठीक से क्रियान्वयन करती या फिर प्रवासी मजदूरों को उनके हुनर के अनुसार रोजगार उपलब्ध कराती तो प्रवासी मजदूर झारखंड से वापस बड़े शहर लौटने की नहीं सोचते.
प्रतुल ने कहा कि झारखंड में मजदूरों के स्किल मैपिंग का कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा था की सारे प्रवासी मजदूरों को झारखंड में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा. मगर यह घोषणा धरातल पर नहीं उतर पाई जिसके कारण आज प्रवासी मजदूर मजबूरन वापस जा रहे हैं. भाजपा यह मांग करती है की राज्य सरकार को तुरंत प्रवासी मजदूरों के हित में कदम उठाना चाहिए.