रांचीः झारखंड में कोरोना ने दस्तक दे दी है. विदेशी नागरिक में कोरोना पॉजिटिव पाया गया है. इसके पीछे तबलीगी जमात बड़ा कारण रहा है. इस तबलीगी जमात में रांची के 46 बुद्धिजीवी भी शामिल हुए थे. इस जमात में शामिल देश के 2000 स्कॉलरों में 46 ने अपना पता रांची का ही दिया है, लिखवाया है. इधर खुफिया विभाग और केंद्रीय जांच एजेंसियां तबलीगी जमात मरकज के आतंकी कनेक्शनन की भी पड़ताल कर रही है.
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कहीं बायोलॉजिकल हथियार तो नहीं
संदेह यह भी जताया जा रहा है कि कोरोना वायरस को आतंकी बॉयोलॉजिकल हथियार के रूप में भी इस्ते माल कर सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो यह काफी खतरनाक होगा. बहरहाल अब तक रांची के दो मस्जिदों से कुल 29 विदेशी मौलवी पकड़े जा चुके हैं. इस बारे में खुफिया विभाग पड़ताल में जुटी है. इधर पुलिस की ओर से ऐसे विदेशियों के मस्जिदों में बिना जानकारी के छुपे रहने को लेकर रांची को सुरक्षित पनाहगाह मानने की दिशा में भी जांच की जा रही है. इससे पहले बीते दिन रांची के हिंदपीढ़ी इलाके के बड़ी मस्जिद से एक साथ 18 विदेशी मौलवी पकड़े गए थे. इनमें ब्रिटेन के नागरिक समेत केन्या, पोलैंड, मलेाशिया और वेस्ट इंडीज के स्कॉलर शामिल थे. इस हफ्ते रांची के अरगोड़ा में भी चीन और कजाकिस्तायन के 11 विदेशी मौलवी पकड़े गए. इन सभी के बारे में केंद्रीय जांच एजेंसी ने भी जानकारी जुटाई है. NIA की टीम ने इन मुस्लिम स्कॉलर से घंटों पूछताछ की. फिलहाल सभी विदेशी मौलवियों के पासपोर्ट जब्त कर लिए गए हैं. कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए सभी विदेशियों को क्वॉरेंटाइन किया गया है.