विधानसभा में आंदोलनकारियों के
पक्ष में प्रस्ताव पारित करवाएं मथुरा
रांची:- झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा के केंद्रीय संयोजक प्रवीण प्रभाकर ने झामुमो विधायक मथुरा महतो की विधायकों के घेराव की घोषणा पर निशाना साधते हुए कहा है कि आंदोलनकारियों के नाम पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. मथुरा महतो सत्ता पक्ष के विधायक दल के सचेतक हैं, अतः विधायकों के घेराव की बात करने की बजाय वह सीधा व्हिप जारी करें और आंदोलनकारियों के पक्ष में विधानसभा में प्रस्ताव पारित करवाएं.
प्रभाकर ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आयोग गठन, पेंशन वृद्धि एवं नौकरियों में 5% आरक्षण का निर्णय लेकर आंदोलनकारियों के प्रति सकारात्मक रुख का परिचय दिया है, इसलिए तत्काल किसी प्रकार के आंदोलन का कोई औचित्य नहीं रह जाता है. मोर्चा ने सभी राजनीतिक दलों के विधायकों से अनुरोध किया है कि आंदोलनकारियों की आवाज़ को दलगत सीमा से ऊपर उठकर सदन में उठाएं.
प्रभाकर ने मथुरा महतो से सवाल किया है कि जब वे स्वयं सत्तारुढ़ झामुमो विधायक दल के सचेतक तथा टुंडी विधायक हैं और सत्ता पक्ष के सभी विधायक उनके व्हिप पर ही चलते हैं, तो फिर एक मार्च को विधायकों के घेराव की घोषणा के पीछे उनकी मंशा और औचित्य क्या है?
श्री प्रभाकर ने कहा कि झारखंड आंदोलनकारी मोर्चा लगातार 15 वर्षों से अपने मुद्दों को लेकर संघर्षरत रहा है. विगत दो माह में मोर्चा ने प्रखंड और जिला स्तर पर हजारीबाग, बोकारो, लातेहार, खूंटी, गुमला, रांची, सिल्ली, रातू, मांडर आदि स्थानों पर लगातार सम्मेलन कर आंदोलनकारियों को एकजुट तथा जागरूक करने का कार्य किया है, जिससे राज्य सरकार पर दबाव बढ़ा और मुख्यमंत्री ने स्वयं सकारात्मक पहल की. राज्य के आंदोलनकारियों को आशा है कि मुख्यमंत्री स्वयं आंदोलनकारी का पुत्र होने के नाते आगे भी अन्य कदम उठाएंगे और आंदोलनकारियों को स्वतंत्रता सेनानी के समकक्ष सुविधाएं देंगे.
प्रभाकर ने कहा कि हजारों झारखंड आंदोलनकारी 20 वर्ष से सम्मान तथा पेंशन की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन मोर्चा को छोड़कर किसी ने आवाज नहीं उठाई. अब जबकि मुख्यमंत्री ने पहल कर दी है तो मथुरा महतो आंदोलन तथा विधायकों को घेरने की बात कर रहे हैं और आंदोलनकारियों को भ्रमित कर रहे हैं. इससे गलत संदेश जा रहा है. मोर्चा ने मथुरा महतो से अनुरोध किया है कि मुख्यमंत्री की सकारात्मक पहल को और आगे बढ़ाने में अपनी भूमिका निभाएं.