Ranchi:- संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान और कृषि विरोधी काले कानूनों के खिलाफ चल रहे देशव्यापी आंदोलन के समर्थन मे उडीसा से दिल्ली जा रहा किसान जत्था जो कल झारखंड पहुंचा था आज सुबह बिहार के लिए रवाना हो गया. इस मौके पर मौजूद राज्य के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने राष्ट्रीय झंडा दिखाकर जत्थे को प्रस्थान किया. इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए
कृषि मंत्री ने कहा कि यह आंदोलन अब केवल अन्नदाताओं
का नहीं बल्कि राष्ट्र, समाज और देश के संविधान के संघीय ढांचे को बचाने के लिए पुरे देशवासियों का आंदोलन बन गया है. उन्होंने किसानों को झारखंड सरकार की ओर से पूरा समर्थन दिए जाने का ऐलान किया. जत्थे मे शामिल किसानों का अभिनंदन करते हुए स्वागत समिति की संयोजक दयामनी बारला ने कहा कि उड़ीसा, छत्तीसगढ़ और झारखंड के किसानों की समस्याओं मे समानता है. क्योंकि इस क्षेत्र की रत्न गर्भा धरती मे जहां खनिज बहुतायत मे है और कार्पोरेट घरानों की नजर इस पर है. और मोदी सरकार यहां की यह जमीन जिसमें हमारे जंगल, पहाड़ और जल स्रोत शामिल हैं इनके हवाले किए जाने का षडयंत्र कर रही है जिसके खिलाफ झारखंड के रैयत और किसान संघर्ष कर रहें हैं.
किसान यात्रा की स्वागत समिति के सदस्य और सीटू के राज्य महासचिव प्रकाश विप्लव ने कहा कि अब किसानों के संघर्ष के समर्थन मे मजदूर वर्ग ने भी दुसरा मोर्चा खोल दिया है और 23 जनवरी को राज्यों की राजधानियों मे आयोजित होने वाले राजभवन मार्च मे पुरे देश मे मजदूरों की बड़ी भागीदारी की तैयारी चल रही है. इस तरह मजदूर – किसान एकता का आधार मजबूत हो रहा है.यह आधार ही मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ प्रतिरोध का केंद्र विंदु होगा.
किसान चेतना यात्रा मे शामिल किसानों के प्रतिनिधि अक्षय, हिमांशु और गौरव ने जत्थे के जोरदार स्वागत और आतिथ्य के लिए स्वागत समिति को धन्यवाद दिया.
स्वागत समिति ने किसानों के लिए लंगर और आवास की सुंदर व्यवस्था के लिए गुरूद्वारा सिंह सभा के प्रधान जी, गुरु गोविंद सिंह पब्लिक स्कूल के सचिव और सिक्ख फेडरेशन के ज्योति मथारु, लकी सिंह समेत सिक्ख समुदाय का आभार प्रकट किया गया जिनके सहयोग से ही जत्थे मे शामिल किसानों के आतिथ्य के काम को सफलता पूर्वक पूरा किया जा सका.