रांची/नई दिल्ली/रायपुर: वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की टैब से झारखंड और छत्तीसगढ़ के लिए गुड न्यूज है. चुंकि ये राज्य आदिवासी बहुल हैं इसलिए अनुसूचित जनजातियों की भलाई के लिए इस बार सरकार ने जी खोलकर योजनाएं दी हैं. ज्यादा जोर शिक्षा पर है.
केंद्र सरकार ने बजट 2021 में आदिवासी बहुल इलाकों में एकलव्य स्कूल खोलने का ऐलान किया है. इसका सीधा फायदा झारखंड और छत्तीसगढ़ को मिलेगा. आदिवासी इलाकों में 758 एकलव्य स्कूल खोले जाएंगे. एक एकलव्य स्कूल खोलने पर सरकार 38 करोड़ रुपए खर्च करेगी. इस लिहाज से देखें तो सरकार एकलव्य स्कूलों के लिए 28,804 करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम खर्च करेगी.
बजट भाषण के दौरान ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी कि अनुसूचित जातियों के लिए 35 हजार करोड़ रुपये स्कॉलरशिप दी गई. इस स्कीम से चार करोड़ छात्रों को फायदा मिला. इसके अलावा लद्दाख के लेह में सेंट्रल यूनिवर्सिटी भी बनाई जाएगी.
मोदी सरकार ने बुढ़ापे की लाठी को मजबूत करते हुए वरिष्ठ नागरिकों के लिए कई अहम घोषणाएं की हैं. आइए जानते हैं इस बजट में मोदी सरकार ने सीनियर सिटिजन को क्या दिया है. सबसे अहम घोषणा ये है कि मोदी सरकार ने 75 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों को सीधे छूट देते हुआ कहा है कि उन्हें कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा. वित्त मंत्री ने ये घोषणा करते हुए कहा था कि सीनियर सिटिजन को प्रणाम करते हुए प्रावधान कर रही हूं. आजादी के 75वें साल में उन्होंने 75 साल से अधिक की उम्र के बुजुर्गों को मदद देने का फैसला किया.
कोरोना काल में मोदी सरकार ने सख्त लॉकडाउन लागू किया था, जिसके चलते बहुत सारे लोगों की नौकरी गई. शहरों से लाखों की संख्या में प्रवासी मजदूर अपने गांव वापस चले गए. लॉकडाउन खुलने के बाद बहुत से प्रवासी मजदूर वापस लौटे, लेकिन अभी भी बहुत सारे मजदूर अपने ही गांव में फंसे हुए हैं और उनके पास करने के लिए कोई काम नहीं है. ऐसे गरीब लोग भी इस बजट से काफी उम्मीदें कर रहे थे.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट शुरू करते ही कहा कि मोदी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू कर दी थी, जिससे 80 करोड़ लोगों को फायदा मिला. आत्मनिर्भर पैकेज दिए, जिसके जरिए करीब 27.1 लाख करोड़ रुपये दिए. अपने बजट में इस बार निर्मला सीतारमण ने गांव और ग्रामीण लोगों के विकास के लिए भी कई अहम घोषणाएं की हैं.
प्रवासी मजदूरों के लिए सबसे अहम घोषणा तो ये रही कि उनके लिए सरकार एक पोर्टल शुरू करने जा रही है, जिसके जरिए सबकी जानकारी जुटाई जा सकेगी. इसमें बिल्डिंग वर्कर्स और मैन्युफैक्चरिंग वर्कर्स समेत सभी वर्गों के मजदूर होंगे. सरकार ने घोषणा की है कि लेबर कोड को लागू करने की कोशिश जारी रहेगी, जिससे न्यूनतम मजदूरी सुनिश्चित की जाएगी.
महिला मजदूरों के लिए अहम घोषणा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि महिलाएं हर कैटेगरी के काम कर सकेंगी और उन्हें नाइट शिफ्ट करने की भी इजाजत होगी. ये सब नए लेबर कोड के जरिए लागू किए जाने की योजना है. बजट में स्टैंडअप इंडिया इंडिया के तहत अनुसूचित जाति, जनजाति के लिए मार्जिन मनी की जरूरत 25 परसेंट से घटाकर 15 परसेंट की गई.