लखीसराय : लखीसराय नियोजित शिक्षकों के सेवाशर्त के लिए पांच वर्ष पूर्व ही कमिटी गठित हुई थी. आज तक कमिटी सेवाशर्त नही बना सकी है. सेवाशर्त की घोषणा करने के बजाय सरकार ने सेवाशर्त कमिटी का पुनर्गठन किया है. पुनर्गठित कमिटी के सदस्यों की बैठक के मद्देनजर टीइटी एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट बिहार ने अपनी मांग स्पष्ट कर दी है. संगठन के जिला अध्यक्ष अजय कुमार और जिला महासचिव रवि कुमार आर्य ने बताया कि सहायक शिक्षक का दर्जा समेत समान सेवाशर्त को लेकर शिक्षक लागातार आंदोलित रहे हैं. हड़ताल के दौरान भी सरकार ने साकारात्मक निर्णय का आश्वासन दिया था. शिक्षा का अधिकार कानून एवं माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायिक सुझावों के आलोक में पुनर्गठित सेवाशर्त कमिटी को टीइटी एसटीइटी शिक्षकों के मसले पर ठोस निर्णय लेना चाहिए.
जिला उपाध्यक्ष सुधीर कुमार और रविकान्त कहा कि सरकार टीइटी एसटीइटी शिक्षकों को सहायक शिक्षकों के विनिर्दिष्ट वेतन भत्ते के अनुरूप सातवें वेतन आयोग में वर्णित वेतन भत्ते एवं अन्य सुविधाएं दे. टीइटी- एसटीइटी शिक्षकों के लिए अंतर्जिला स्थानान्तरण, प्रोन्नत्, पदोन्नति, इपीएफ, ग्रेच्युटी, अर्जित अवकाश, मातृत्व पितृत्व व शिशु देखभाल अवकाश समेत राज्यकर्मियों के तमाम सेवाशर्त की गारंटी हो. टीइटी एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ ने सेवाशर्त कमिटी से टीइटी शिक्षकों का अलग संवर्ग गठित करने की मांग की है. वर्तमान नियमावली के अधीन कार्यरत पात्रता उत्तीर्ण शिक्षक अपने पेशागत प्रतिबद्धताओं के बावजूद इस दिशा में अपने भविष्य को लेकर आशंकित और चिंताग्रस्त हैं. शिक्षण पेशा का चयन कर राज्य के प्रतिभावान छात्र छात्राओं के एक बड़े वर्ग ने बिहार के शैक्षणिक उत्थान के लिए कार्य करने का संकल्प लिया है. उन्हें राज्य सरकार से मुकम्मल सकारात्मक एवं विधिसम्मत फैसलों व सहयोग की उम्मीद है.
संगठन जिला सचिव के राजकुमार, सूरज कुमार, अमित कुमार, सूरज दास और कोषाध्यक्ष सुबोध कुमार, उपकोषाध्यक्ष रामविलास शर्मा तथा चंदन कुमार, शशि भूषण, अविनाश कुमार, धनंजय कुमार जिला कार्यकारिणी सदस्य ने कहा कि शिक्षा का अधिकार कानून 2009 तथा राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद् के मापदंडों पर नियोजित टीइटी उत्तीर्ण शिक्षक सहायक शिक्षक के विधिसम्मत हकदार है.