रांची: तोरपा विधानसभा क्षेत्र में अपने ही बागी बनकर झामुमो की नींद उड़ा रहे हैं. इससे पार्टी के प्रत्याशी की जीत आसान नहीं लग रही है. झामुमो ने वर्तमान विधायक का टिकट काट दिया है. इससे नाराज होकर वे यहां से निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं. इसके बीच भाजपा एक दशक के अंतराल के बाद अपनी वापसी के लिए भी जी तोड़ प्रयास कर रही है.
झाविमो, जेडीयू सहित अन्य दलों के प्रत्याशी भी अपनी जीत के लिए हर तरह का कदम उठा रहे हैं. जनता से वादा कर वोट मांग रहे हैं. जनता किसका साथ देती है, यह 23 दिसंबर को चुनाव परिणाम आने के बाद पता चलेगा.
ये हैं प्रत्याशी
तोरपा विधानसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार कोचे मुंडा, झामुमो से सुदीप गुड़िया, झापा एनोस गुट से सुभाष कोंगाड़ी, झाविमो से मार्शल मुंडू, लोजपा से अविनाशी मुंडू, जेडीयू से सुधीर डांग, झापा होरो गुट से कूलन पतरस आईंद, निर्दलीय प्रत्याशी पौलुस सुरीन और सहदेव चीक बड़ाईक.
ये रहे हैं विधायक
इस विधानसभा सीट पर बिहार विधानसभा के समय लगातार 5 बार झारखंड पार्टी के एनई होरो का कब्जा रहा था. वर्ष 2000 और 2005 में भाजपा के कोचे मुंडा ने इस पर कब्जा जमाया. 2009 और 2014 में भाजपा के कोचे मुंडा को हराकर झामुमो के पौलुस सुरीन विधायक बने. इस बार झामुमो ने पौलुस सुरीन को किनारे कर दिया है. झामुमो के टिकट पर मुखिया संघ के अध्यक्ष सुदीप गुड़िया मैदान में हैं. टिकट नहीं मिलने के कारण पौलुस सुरीन निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.