रांची: लगभग 300 दिन के बाद लंबे इंतजार के बाद राज्य प्रशासनिक सेवा के 15 अफसरों को आईएएस में प्रोन्नति मिल जायेगी. पिछले सप्ताह इनकी प्रोन्नति को लेकर यूपीएससी में बैठक हो चुकी है. 15 पदों के लिए राज्य प्रशासनिक सेवा के 45 अफसरों की अनुशंसा की गयी थी. एक पद के लिए तीन नाम भेजने का प्रावधान है. बताते चलें कि राज्य में आईएएस संवर्ग के लिए 205 पद स्वीकृत हैं, जिससे 148 अफसर ही कार्यरत हैं. इस हिसाब से फिलहाल 57 पद रिक्त हैं. राज्य सेवा के 15 अफसरों को प्रोन्नति मिलने के बाद भी 42 पद रिक्त ही रह जायेंगे.
तीन साल की देरी हो गयी:
वर्ष 2017-2018 के रिक्त पदों के विरूद्ध 15 अफसरों को प्रोन्नति दी जानी है. इसमें वर्ष 2017 के लिए 12 पद और वर्ष 2018 के लिए 3 पद पर प्रोन्नति दिया जाना है. इन अफसरों की प्रोन्नति मिल जाने से वर्ष 2019 के लिए रिक्त पड़े पदों पर भी प्रोन्नति का रास्ता साफ हो जायेगा. वर्ष 2019 में 12 पदों पर राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को प्रोन्नति दी जानी है.
किन्हें मिलती है प्रोन्नति:
राज्य प्रशासनिक सेवा से भारतीय प्रशासनिक सेवा में प्रोन्नति का प्रावधान है. इसमें कर्मठ और अच्छी छवि वाले अफसरों को मौका मिलता है. इनका विजिलेंस से क्लीयरेंस भी होना चाहिए. आवेदन करने वाले अधिकारियों के खिलाफ किसी प्रकार का आरोप नहीं होना चाहिए. ऐसी व्यवस्था इसलिए है कि अच्छे और अनुभवी अफसर को प्रोत्साहित किया जाए.
आईएएस में प्रोन्नत होने के लिए राज्य सेवा और तकनीकी सेवा के पदाधिकारियों को काफी समय तक काम करना पड़ता है. यह अवधि 30 साल तक की भी हो सकती है. राज्य सरकार ने जब यह नियम बनाया है तो उसका उद्देश्य यही है कि उनके काम के जो लंबे अनुभव हैं उनका लाभ मिल सके.