रांची: झारखंड विकास मोर्चा प्रमुख बाबूलाल मरांडी की पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी में विलय की ओर एक और कदम बढ़ा दिया है. झारखंड विकास मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के निर्देश पर पार्टी की नई कार्यसमिति की घोषणा कर दी गयी. बाबूलाल मरांडी की अध्यक्षता वाली कार्यसमिति में 151 लोगों को शामिल किया गया है. विधायक प्रदीप यादव की छुट्टी करते हुए अभय कुमार सिंह को पार्टी का प्रधान महासचिव बनाया गया है. पुरानी कमेटी में विधायक प्रदीप यादव इस पद की जिम्मेदारी संभाल रहे थे. इसके साथ ही पिछली कार्यकारिणी में केंद्रीय महासचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे बंधु तिर्की को भी सिर्फ कार्यसमिति का सदस्य बनाया गया है.
बाबूलाल मरांडी के करीबी अभय कुमार सिंह ने शुक्रवार को रांची में प्रेस कांफ्रेस कर नई कार्यसमिति की घोषणा की. उन्होंने बताया कि रांची में पांच जनवरी को हुई बैठक में पुरानी केंद्रीय कार्यसमिति को भंग करने का निर्णय लिया गया था और नयी कमेटी गठन के लिए बाबूलाल मरांडी को अधिकृत किया गया था.
झाविमो नई कार्यसमिति की घोषणा के मायने निकाले जा रहे हैं. माना जा रहा है कि इसमें उन लोगों को शामिल नहीं किया गया है, जो बाबूलाल मरांडी के किसी भी फैसले से असमहत हों या खिलाफत करें. हालांकि नए प्रधान महासचिव अभय कुमार सिंह ने कहा कि नई कार्यकारिणी पूरी मजबूती से सांगठनिक मजबूती की दिशा में और जनता के हितों में काम करेगी.
उन्होंने कहा कि पूर्ण विश्वास है कि पार्टी का संगठन मजबूत और सुदृढ़ होगा. बहुत जल्दी कई कार्यक्रम भी तय किये जाएंगे. संगठन में ग्रास रूट पर काम करते रहे कार्यकर्ताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है और सभी को अपने नेता बाबूलाल मरांडी पर पूर्ण विश्वास है.
अभय कुमार सिंह ने बताया कि पूर्व मंत्री रामचंद्र केसरी, विनोद शर्मा, डॉ आश्रिता कुजूर, श्रीराम दूबे, अशोक वर्मा, आरएन सहाय, शोभा यादव और बटेश्वर मेहता को केंद्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है. जबकि रमेश राही, सुरेश साव, सरोज सिंह, राजीव रंजन मिश्रा चुन्नू, संतोष कुमार, चंद्रनाथ भाई पटेल को केंद्रीय महासचिव बनाया गया है. इनके अलावा सभी जिला अध्यक्षों और पार्टी की सहयोगी संगठनों की जिम्मेदारी तय की गई है.
क्या नई कार्यसमिति का खाका बीजेपी में विलय की राह में आगे बढ़ने का संकेत है, इस सवाल पर प्रधान महासचिव ने खारिज करते हुए कहा कि पार्टी अपनी गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है. पूरी कमेटी बाबूलाल मरांडी के निर्देश में ही काम करती रहेगी. दूसरी तरफ खबरों के मुताबिक नई कार्यसमिति में शामिल अधिकतर पदाधिकारियों ने बाबूलाल मरांडी के किसी भी फैसले पर साथ देने की रजामंदी दी है. अब प्रदीप यादव और बंधु तिर्की के कार्यसमिति सदस्य रहने पर बाबूलाल मरांडी को पार्टी के विलय में बहुत अधिक परेशानी नहीं होगी.