ब्यूरो चीफ,
रांची: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत की है. केंद्रीय मंत्री ने नयी दिल्ली में वन अधिनियम 1927 में संशोधन किये जाने की बात को खारिज करते हुए झारखंड में चुनावों को देखते हुए वन क्षेत्र में रहनेवाले लोगों को अधिकार दिये जाने की बातें कही थी.
झामुमो ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त औऱ राज्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय में शिकायत करते हुए कहा है कि भारत सरकार के वन औऱ पर्यावरण विभाग द्वारा इस वर्ष उपरोक्त कानून में कुछ संशोधन करने का प्रस्ताव तैयार कराया था.
इस संशोधन से वन क्षेत्र में रहनेवाले लाखों लोगों के वनाधिकार पर सीधा हमला करना था और वन विभाग को सशस्त्र कर वनवासियों के खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की गयी थी.
भारतीय वन अधिनियम 1927 के प्रावधानों के अनुसार वन क्षेत्र में रहनेवाले आदिवासी और मूलवासियों के समक्ष इस प्रस्ताव से उनके अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लग जायेगा. झारखंड राज्य सहित देश के अन्य वन आच्छादित राज्यों ने आदिवासियों और मूलवासियों के विरोध की वजह से प्रस्ताव पर विचार नहीं करने की बातें कही थी.
केंद्रीय मंत्री ने शुक्रवार 15 नवंबर को यह घोषणा की कि झारखंड में आसन्न विधानसभा चुनाव को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित एवं प्रबुद्ध मतदाताओं के बीच प्रलोभन एवं दिगभ्रमित करने के उद्देश्य से किया गया है.
आयोग को की गयी शिकायत पत्र में यह भी कहा गया है कि केंद्रीय मंत्री झारखंड के दौरे पर रविवार को आ रहे हैं. उनके कार्यक्रमों पर आयोग की तरफ से पैनी निगाह रखने की आवश्यकता है. राज्य विधानसभा का चुनाव निष्पक्ष और भयमुक्त एवं प्रलोभन मुक्त कराना जरूरी है.