दिल्ली के जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में आज तीसरे दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया. वहीं इसके विरोध में जेएनयू छात्र संघ ने आज विरोध मार्च निकाला. छात्रों ने यह विरोध मार्च हॉस्टल फीस बढ़ोतरी और ड्रेस कोड के मसले पर निकाला है. छात्र, वाइस चांसलर के खिलाफ जेएनयू कैंपस के बाहर उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं. वहीं इस विरोध प्रदर्शन को बढ़ता देख छात्रों को खदेड़ने के लिए पुलिस की ओर से वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया है.
तीसरे दीक्षांत समारोह में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे हैं. उनके साथ मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी मौजूद हैं. सुबह 8 बजे ही छात्र यूनिवर्सिटी की एडमिनिस्ट्रेटिव बिल्डिंग पर जमा हुए और वहां से कार्यक्रम स्थल तक विरोध मार्च शुरू कर दिया. इस आंदोलन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, आईसा, एआईएसएफ और एसएफआई सभी छात्र संगठन ने हिस्सा लिया है.
विरोध मार्च निकालने वाले छात्र नेताओं का कहना है कि वह दीक्षांत समारोह के कार्यक्रम स्थल के पास ही प्रदर्शन करेंगे. एक आंदोनकारी छात्र ने कहा, ‘हम बीते 15 दिनों से फीस में इजाफे का विरोध कर रहे हैं. यूनिवर्सिटी में कम से कम 40 फीसदी छात्र ऐसे हैं, जो गरीब परिवारों से आते हैं. आखिर ये छात्र कैसे अपनी पढ़ाई पूरी करेंगे.
दरअसल, यूनिवर्सिटी ने 23 अक्टूबर से जेएनयू कैंपस के गेट बंद करने का नया नियम लागू किया था. इसकी जानकारी अंतरराष्ट्रीय अध्ययन विभाग के डीन की ओर से मिले एक नोटिस के जरिए छात्रों को दी गई. इस नोटिस में रूम नंबर 16, कॉमन रूम्स और एसआईएस 1 व एसआईएस टू के मेन गेट को लेकर नया नियम लागू किया गया है.
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (AISA) ने प्रशासन पर कैंपस के गेट शाम छह बजे के बाद बंद करने के नए नियम पर विरोध जताया. AISA ने कहा कि कैंपस के गेटों को शाम छह बजे बंद कर देना आवाजाही की स्वतंत्रता को सीमित करना है.
इस बार जेएनयू से बाहर हो रहा दीक्षांत समारोह
इस बार कैंपस के ऑडिटोरियम में जगह की कमी बताते हुए जेएनयू प्रशासन ने दीक्षांत समारोह का आयोजन यूनिवर्सिटी से बाहर वसंत कुंज में ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ऑडिटोरियम में रखा है. जेएनयू के गोल्डन जुबली साल के इस दीक्षांत समारोह में लगभग 460 स्टूडेंट्स को पीएचडी डिग्री दी जाएगी.
जेएनयू के रेक्टर 2 डॉ एस सी गड़कोटी का कहना है कि जेएनयू के किसी भी ऑडिटोरियम में 300 से ज्यादा सीटें नहीं हैं. इस वजह से इस बार दीक्षांत समारोह बाहर रखना पड़ रहा है, क्योंकि स्टूडेंट्स की संख्या बहुत ज्यादा है. वहीं इस दीक्षांत समारोह में उनके साथ उनके पैरंट्स भी पहुंचेंगे. इतना ही नहीं स्टूडेंट्स के गाइड, जेएनयू टीचर्स भी होंगे. ऐसे में इस बार जहां समारोह रखा गया है, वहां करीब 800 सीटें हैं.