शशिभूषणदूबे कंचनीय,
लखनऊ: बेशकीमती सरकारी जमीन लूट की शिकायत करना पत्रकार की मौत का कारण बन गया.कानपुर से सटे गंगाघाट कोतवाली क्षेत्र में स्थित बेशकीमती सरकारी जमीन पर दबंगों ने कब्जा कर लिया था. जिसकी शिकायत करने पर पत्रकार की उन्नाव-शुक्लागंज रोड पर दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई.
हमलावरों ने मित्र के साथ बाइक से उन्नाव से शुक्लागंज जाते समय पत्रकार पर आधे दर्जन गोलियां तड़ातड़ दाग दीं. दो गोलियां पत्रकार के सिर में लगने से मौके पर ही उनकी मौत हो गई.
बाइक चला रहे साथी ने भागकर जान बचाई. पुलिस की जांच में मौके से छह जिन्दा कारतूस व कई खोखे भी मिले हैं. कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला पोनी रोड झंडा चौराहा निवासी 28 वर्षीय शुभममणि त्रिपाठी कानपुर से प्रकाशित एक हिन्दी दैनिक अखबार के प्रतिनिधि थे.
सूबे के उन्नाव जनपद में प्रिंट मीडिया से जुड़े पत्रकार शुभममणि त्रिपाठी की निर्मम हत्या किए जाने पर भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ में जबरदस्त आक्रोश है.
महासंघ के घटना की निन्दा करते हुए सरकार से यथाशीघ्र हत्यारों की गिरफ्तारी कर फांसी दिलाए जाने की मांग की है. महासंघ ने घटना पर दुःख व्यक्त करते हुए सरकार से मृतक पत्रकार स्वर्गीय त्रिपाठी के परिवार के भरणपोषण हेतु एक करोड़ रुपए सरकारी सहायता की मांग की है.
भारतीय राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ के अयोध्या जिलाध्यक्ष बलराम तिवारी ने संगठन से जुड़े पत्रकार साथियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर घटना की निन्दा करते हुए आक्रोश व्यक्त किया किया. साथ ही सभी पत्रकारों ने दो मिनट का मौन रखकर स्वर्गीय शुभम की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की.
जिलाध्यक्ष तिवारी ने कहा कि स्वर्गीय शुभममणि त्रिपाठी की पत्रकारिता धर्म पूरा करने के दौरान निर्मम हत्या की गई है. जो अक्षम्य है. उन्होंने अपने लिए नहीं बल्कि आम आदमी के लिए सरकारी जमीन पर भू-माफिया की कब्जेदारी के खिलाफ आवाज उठाया था.
सरकार को शर्म आनी चाहिए कि वह अपनी सरकारी जमीन भी नहीं बचा पा रही है.उल्टे आवाज उठाने वाले पत्रकार का सरेआम कत्लेआम कर दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था दिनोंदिन बद से बद्तर होती जा रही है.
निर्भीकता से आवाज उठाने वाले पत्रकारों का कत्लेआम कर दिया जाता है. उन्होंने सरकार से पीड़ित परिवार के भरणपोषण के लिए एक करोड़ रुपए सहायता दिए जाने की मांग की है.
इस दौरान महासंघ के प्रदेश उपाध्यक्ष अनंतराम पांडे ने पीड़ित परिवार के लिए एक करोड़ रुपए की सहायता राशि की मांग का समर्थन करते हुए हत्यारों की यथाशीघ्र गिरफ्तारी की मांग की व स्वर्गीय शुभममणि को श्रद्धांजलि अर्पित की, तथा ईश्वर से प्रार्थना किया कि पीड़ित परिवार को यह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें.
वहीं जिला संरक्षक अरुण पांडे ने घटना में शामिल लोगों के गिरफ्तारी की मांग की है. जिला उपाध्यक्ष आरडी तिवारी ने कहा कि सुनने में आ रहा है कि सरकारी जमीन पर कब्जा जमाने वाला सूचीबद्ध भू-माफिया और विश्व हिंदू परिषद का नेता है. यही वजह है कि सरकार हत्यारों पर हाथ नहीं डाल रही है.
जिला उपाध्यक्ष अम्बिका मिश्रा ने कहा कि यदि सरकार तुरंत कार्यवाही नहीं करेगी तो पत्रकार भी आन्दोलन के लिए मजबूर होंगे.
महासचिव सूर्य कुमार मिश्र ने कहा कि कितना हास्यास्पद है कि सरकार सरकारी जमीन नहीं बचा पा रही है और इसके लिए आवाज उठाने वाले पत्रकार को ही जान को जान गवा ना पड़ रही है.
महासंघ के सचिव राजेन्द्र पाठक, रमा निवास पांडे व दिनेश जायसवाल ने घटना पर कड़ा आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि समाज के लिए लड़ने वाले पत्रकार को मौत के घाट उतारा जाना कायरता पूर्ण कार्य है. सरकार को तुरंत हत्यारों को सलाखों के पीछे करते हुए उनको फांसी देनी चाहिए.
आक्रोश व्यक्त करने वालों में मुख्य रूप से महासंघ के जिला उपाध्यक्ष गिरजा प्रसाद शुक्ला, विजय पाठक, रामेन्द्र चतुर्वेदी, वेदप्रकाश मिश्र, रमेश यादव, राजेश तिवारी, विजय यादव, सुरेंद्र प्रताप सिंह, बीकापुर तहसील अध्यक्ष केके शुक्ला, रुदौली तहसील अध्यक्ष राकेश यादव, मिल्कीपुर तहसील अध्यक्ष वेदप्रकाश तिवारी, सोहावल तहसील अध्यक्ष सुरेश सिंह बाबा, राजेश मिश्रा, रामकलप पांडे, राकेश तिवारी, राजनारायण पांडे, पुष्पेंद्र मिश्र, राजेश उपाध्याय, राकेश तिवारी, वकार अहमद, सत्यनारायण तिवारी, ओंकार मिश्रा, मनु श्रीवास्तव, मो. शारिक खान, राकेश मिश्रा, राहुल दूबे, आदित्य तिवारी, कृष्ण सिंगार मिश्रा, एसके पाण्डेय सहित दर्जनों पत्रकार शामिल हैं.