रांचीः झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) को लगभग एक महीने के बाद नया अध्यक्ष मिल गया. पूर्व आईपीएस अमिताभ चौधरी को सरकार ने आयोग की कमान सौंप दी. उनके जल्द ही पदभार ग्रहण करने की उम्मीद है. हालांकि पदभार ग्रहण करने के बाद भी उनके लिए डगर आसान नहीं होगी. उनके सामने कई चुनौतियां होगी.
थम नहीं रहा है विवाद
छठी जेपीएससी को लेकर विवाद थम नहीं रहा है. आयोग ने इसे क्लीयर कर दिया है. कई चयनित अभ्यर्थी विभागों में योगदान भी दे चुके हैं. इस परिणाम के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में 30 केस दर्ज हैं. इसकी सुनवाई भी चल रही है. अभ्यर्थियों की मांग परिणाम को रद्द करते हुए इसकी पुनर्परीक्षा कराने की है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी जा चुका है.
पहली सीमित परीक्षा रद्द
आयोग द्वारा ली गई सीमित परीक्षा भी विवादों में रही. इसकी जांच कराई गई. इसके बाद आयोग ने इसे रद्द कर दिया. पहली बार इस परीक्षा के लिए साल 2005 में 50 पदों के लिए विज्ञापन निकाला गया था. आवेदन के बाद 23 अप्रैल 2006 को रांची के 14 केंद्रों में परीक्षा ली गयी. इस में करीब 8 हजार उम्मीदवार शामिल हुए थे. तब प्रश्न पत्र लीक हुआ था. जिसकी जांच रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल ने परीक्षा होने के छह साल बाद 12 जून 2013 को परीक्षा ही रद्द कर दी. इसके बाद ली गई सीमित परीक्षा भी विवादों के घेरे में है.
विवादों से पुराना नाता
जेपीएससी का विवादों से पुराना नाता है. पहली सिविल सेवा के लिए आयोजित परीक्षा से ही विवाद शुरू हुआ. यह अब तक जारी है. लगभग हर परीक्षा को लेकर आयोग पर पक्षपात और मनमानी करने का आरोप लगा. कई परीक्षाओं के परिणाम की सीबीआई जांच तक हुई. कुछ में गड़बड़ी बरते जाने के प्रमाण भी मिले हैं.
सीएस रैंक के अफसर अध्यक्ष
सीएस रैंक के चार अफसर जेपीएएससी की कमान संभाल चुके हैं. बावजूद इसका विवाद नहीं सुलझा. हर परीक्षा का परिणाम आने के बाद अमूमन विवाद होता ही है. मुख्य सचिव रैंक के अफसर शिव बसंत, देवाशीष गुप्ता, के विद्यासागर, पूर्व मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी इसके अध्यक्ष रह चुके हैं.
IPS, IFS और न्यायिक सेवा के अफसर भी
न्यायिक सेवा के अफसर आलोक सेनगुप्ता भी अध्यक्ष बने. आईपीएस आरसी कैथल भी अध्यक्ष रहे. सेंट्रल गवर्मेंट के अफसर डॉ पीसी हेंब्रम सहित तीन शिक्षाविद डॉ दिलीप प्रसाद, डॉ परवेज हसन और ए.के. चट्टोराज भी अध्यक्ष पद पर रहे. इसके बाद पीसीसीएफ रैंक के अफसर डीके श्रीवास्तव भी अध्यक्ष रहे. फिर भी आयोग विवादों से जूझता रहा.
अब तक महज छह परीक्षा
झारखंड अलग राज्य गठन को लगभग 20 साल हो गये. हालांकि जेपीएससी इस दौरान मात्र छह सिविल सेवा की परीक्षा आयोजित कर सका है. आयोग ने 2017, 2018 और 2019 (सातवीं, आठवीं और नौंवी) की संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया था. इसके तहत 267 पदों पर भर्ती होनी थी. इसका विज्ञापन भी निकाला गया था. बाद में इसे स्थगित कर दिया गया.
कौन अध्यक्ष किस सेवा में रहे-
• डॉ पीसी हेंब्रम (सेंट्रल गवर्मेंट के अफसर)
• डॉ दिलीप प्रसाद (शिक्षाविद्)
• आलोक सेन गुप्ता (न्यायिक सेवा)
• आरसी कैथल (आईपीएस)
• परवेज हसन (शिक्षाविद्)
• शिव बसंत (आईएएस)
• देवाशीष गुप्ता (आईएएस)
• के. विद्यासाग (आईएएस)
• डीके श्रीवास्तव (आईएफएस)
• ए.के. चट्टोराज (शिक्षाविद्)
• सुधीर त्रिपाठी (आईएएस)
• अमिताभ चौधरी (आईपीएस)