ब्यूरो चीफ
रांची: झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) अपने तुपुदाना ग्रेनाइट फैक्टरी को अब आउटसोर्सिंग के जरिये संचालित करेगा. निगम के बोर्ड मीटिंग में इसका फैसला लिया गया. इसकी अनुशंसा भी कर दी गयी है. अब वर्षों तक बेहतर रिटर्न देनेवाले प्लांट को ठेके पर चलाया जायेगा. तुपुदाना ग्रेनाइट फैक्टरी निगम का एकमात्र प्लांट था, जहां से ग्रेनाइट की आधिकारिक बिक्री शुरू की गयी थी. यह प्लांट 2015-16 से बंद है. यहां पर खूंटी के चेलांगी परियोजना से ग्रेनाइट लाकर उसकी कटिंग और पॉलिशिंग की जाती थी. अलग राज्य के गठन के बाद से इस प्लांट से उत्पादन शुरू किया गया था. इस प्लांट में 20 कर्मियों के बदौलत 25 सौ वर्ग फूट का मासिक उत्पादन होता था.
क्या कहते हैं निगम के अधिकारी
निगम के अधिकारियों का कहना है कि तुपुदाना प्लांट को चलाने के लिए अब जेएसएमडीसी के पास पैसा नहीं है. निगम की वित्तीय स्थिति और हानि को देखते हुए प्रबंधन ने इसे आउटसोर्सिंग के जरिये चलाने का निर्णय लिया है. निगम के महाप्रबंधक अजीत शंकर, महाप्रबंधक खनन मुकूल प्रसाद, महाप्रबंधक (वित्त) सीएम पाल, स्थापना प्रभारी सत्यजीत, जियोलाजिस्ट प्रवीर कुमार की बैठक में यह फैसला लिया गया था. यह बैठक 4 सितंबर 2019 को निगम मुख्यालय में आहूत की गयी थी.
बैठक में निगम की परियोजनाओं की वर्तमान स्थितियों पर भी हुई थी चर्चा
बैठक में निगम के अधीन चल रही विभिन्न परियोजनाओं की वर्तमान स्थिति पर भी चर्चा की गयी थी. इसमें यह बताया गया कि 13 में से 12 परियोजनाएं और प्लांट बंद हैं. इन परियोजनाओं के भविष्य के बारे में भी चर्चा की गयी. बैठक में चंदुला परियोजना साहेबगंज, कोडरमा अभ्रक इकाई, रामगढ़ और बेरमो कोल प्रोजेक्ट, मेदिनीनगर चूना पत्थर परियोजना, तुपुदाना ग्रेफाइट प्लांट के बंद होने की जानकारी दी गयी. यह भी तय किया गया कि इन बंद परियोजनाओं के कर्मियों को कहां लगाया जाए.