जमशेदपुर: पूरा देश में वैश्विक संकट कोरोना का संक्रमण के दौरान लॉकडाउन 4 अभी भी जारी है. लेकिन कोरोना संक्रमण से पिछले ढाई महीनों से जंग लड़ रहे शहर के कोरोना योद्धा यानी सफाईकर्मियों को टाटा समूह की अनुषंगी इकाई जुस्को ने काम से बैठा दिया है.
इस दौरान सैकड़ों की तादाद में सफाईकर्मियों ने उप श्रमायुक्त कार्यालय पहुंच कर विरोध जताया. उधर इन मजदूरों ने डीएलसी के साथ जिले के उपायुक्त को एक मांग पत्र सौंपा.
वहीं सफाईकर्मियों का नेतृव कर रहे जेएमएम नेता श्यामल सरकार ने कहा जब से देश में लॉकडाउन शुरू हुई तब से सफाईकर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना शहर के लोगों की सेवा की.
अभी तक लॉकडाउन खत्म नहीं हुई, लेकिन इन लोगों को एक साजिस के तहत बैठा दिया गया. वहीं उन्होंने दो दिनों का अल्टीमेटम देते हुए साफ कर दिया कि अगर उन्हें फिर से काम पर नहीं लिया जाता है, तो पूरे शहर के सफाईकर्मियों को काम पर जाने नहीं दिया जाएगा.
वैसे निश्चित तौर पर कोरोना काल में जिन मजदूरों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर दिन- रात शहर को साफ रखने में अहम भूमिका निभाई उन मजदूरों के साथ जुस्को जैसी कंपनी अगर ऐसा बर्ताव करती है, तो केंद्र और राज्य सरकार द्वारा घोषित कोरोना वॉरियर्स का खिताब इनके लिए बेकार साबित हो सकता है.
वहीं महिला सफाईकर्मी शिला देवी ने कहा कि कोरोना महामारी में लगातार सेवा करते आ रहे, लेकिन अचानक काम से हटा देने से कहा जाएंगे, हमलोग गरीब मजदूर है.
कौन देगा खाने के लिए और घर का किराया. ऐसे में हम लोग जाए तो जाए कहा. हम मजदूरों को सेवा का फल अपनी नौकरी गंवाकर चुकानी पड़ रही है. उधर अब देखना होगा लिखित आवेदन के बाद इन मजदूरों के फरियाद पर जिला प्रशासन व श्रम विभाग कोई कार्रवाई करती है या नहीं.