जमशेदपुर: झारखंड विधानसभा चुनाव में इतिहास रचनेवाले भाजपा के बागी और झारखंड की राजनीति के भीष्म पितामह माने जाने वाले जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय को अपने ही विधानसभा क्षेत्र के लोगों की नाराजगी झेलनी पड़ी.
ये वही जनता हैं, जिन्होंने सरयू राय को जमशेदपुर पूर्वी में भाजपा के अभेद्य किले में सेंधमारी कर राज्य की सत्ता से पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को बेदखल करने में सहयोग ही नहीं किया, बल्कि झारखंड में भाजपा से सरयू राय का टिकट काटने पर पूर्वी से निर्दलीय प्रत्यासी का पहचान पर भारी मतों से जीत हाशिल करने का एक अवसर दिया.
वैश्विक संकट के बीच जमशेदपुर पूर्वी की जनता अपने विधायक से किए गए वायदों के तहत क्षेत्र में जरूरी मूलभूत सुविधाओं की मांग को लेकर बुधवार को आक्रोशित हो उठे और सिदगोड़ा के बाबूडीह से भोजन बांटकर वापस लौट रहे विधायक सरयू राय के काफिले के बीच सड़क पर रोक घंटों बंधक बनाए रखा.
इस दौरान इलाके की जनता उनसे पानी को लेकर किए गए वायदों को याद दिला रहे थे. वहीं लोगों का कहना था कि उन्हें खाना के साथ पानी और साफसफाई चाहिए. उधर विधायक सरयू राय ने दावा किया है, कि उनके काफिले को उनके क्षेत्र की जनता ने किसी के बहकावे में आकर रोका है.
वहीं उन्होंने बताया कि चुनाव से पहले उस इलाके में जुस्कों का पाइप गिराया गया था, लेकिन चुनाव समाप्त होते ही वहां से पाइप हटा लिया गया. ऐसे में पूरा मामला जांच का है. हलांकि, उन्होंने इसको लेकर जुस्को के अधिकारियों से बात किए जाने का भी दावा किया.
विधायक ने कहा कि 25 शाल में पानी नहीं पहुंचा, नाला भी साफ नहीं हुआ. चुनाव से पूर्व जुस्को द्वारा पानी का पाइप गिरा कर चुनाव के बाद उठा लेना जांच का मामला है. वैसे जुस्को से बात हुई है कि दो दिन के अंदर पूरा इलाका में सफाई की जाएगी.
फिलहाल, जमशेदपुर पूर्वी में हवा का रूख बदला सा नजर आने लगा है, जहां बाबूडीह की जनता का मिजाज देखकर ऐसा कहीं से नहीं लगा कि ये वही जनता है, जिसने सरयू राय को जिताने में सबकुछ दांव पर लगा दिया था.