रांची:- झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे, लाल किशोरनाथ शाहदेव और राजेश गुप्ता छोटू ने कहा है कि जब भी राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर सुनवाई का वक्त नजदीक आता है, भारतीय जनता पार्टी नेता उन्हें बदनाम करने की सोची-समझी साजिश के तहत न्यायिक प्रक्रिया को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करने का प्रयास शुरू कर देते हैं, वहीं केंद्र में भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के इशारे पर केंद्रीय जांच एजेंसियां भी सक्रिय हो जाती है.
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि बिहार में पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी और अन्य विधायकों से वहां नीतीश कुमार की सरकार की डांवाडोल स्थिति नजर आ रही है, लेकिन भाजपा के शातिर नेता इसका ठिकरा आरजेडी अध्यक्ष और यूपीए नेताओं पर थोपने में लगे हैं. उन्होंने कहा कि जेल से मोबाइल फोन पर बात की बात बचकानी है और भाजपा नेताओं को विधवा विलाप छोड़ कर यदि विश्वास नहीं होता है, तो दिन रात केली बंगले के बाहर बैठकर निगरानी का काम शुरू कर देना चाहिए.
प्रदेश प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि यह सर्वविदित है कि तत्कालीन भाजपा नेतृत्व वाली रघुवर दास सरकार में ही लालू प्रसाद यादव को विभिन्न बीमारियों की वजह से रिम्स स्थित पेइंग वार्ड में शिफ्ट किया गया था, उस वक्त से ही भाजपा-जदयू नेता यह दावा कर रहे है कि लालू प्रसाद फोन से अपने करीबियों से संपर्क में रहते हैं, लेकिन बेबुनियाद आरोप रहने के कारण ही तब भी कोई कार्रवाई नहीं हुई थी, लेकिन अब राज्य में गठबंधन की सरकार रहने के कारण लालू प्रसाद के बहाने प्रशासनिक कामकाज पर सवाल उठाया जा रहा है.
प्रदेश प्रवक्ता राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि लालू प्रसाद को अदालती प्रक्रिया पर पूरा भरोसा है और उम्मीद है कि जल्द ही उन्हें अदालत से जमानत मिल जाएगी और वे जेल से बाहर आ जाएंगे.