नई दिल्लीः चार साल के बाद जेएनयू देशद्रोह केस में सीपीआई नेता व जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित 10 के खिलाफ दिल्ली सरकार ने मुकदमे को मंजूरी दे दी है. इस फैसले पर तंज मारते हुए कन्हैया ने कहा कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए, फास्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और टीवी वाली आपकी अदालत की जगह कानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए.
दिल्ली सरकार को सेडिशन केस की परमिशन देने के लिए धन्यवाद। दिल्ली पुलिस और सरकारी वक़ीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए, फॉस्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और TV वाली ‘आपकी अदालत’ की जगह क़ानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए। सत्यमेव जयते।
— Kanhaiya Kumar (@kanhaiyakumar) February 28, 2020
वहीं, दो अन्य आरोपियों उमर खालिद और अनिर्बान ने कहा कि वे खुद इस मामले की कोर्ट में सुनवाई चाहते थे, ताकि सत्तारूढ़ सरकार के झूठे दावे का पर्दाफाश कर सकें. कन्हैया ने फैसले की घोषणा के तुरंत बाद लिखा, ‘दिल्ली सरकार को सेडिशन केस की परमिशन देने के लिए धन्यवाद.
दिल्ली पुलिस और सरकारी वक़ीलों से आग्रह है कि इस केस को अब गंभीरता से लिया जाए, फॉस्ट ट्रैक कोर्ट में स्पीडी ट्रायल हो और TV वाली आपकी अदालत की जगह कानून की अदालत में न्याय सुनिश्चित किया जाए. सत्यमेव जयते.
बता दें कि 10 आरोपियों में कन्हैया के अलावा जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भी शामिल हैं जिन्हें मामले में अरेस्ट किया गया था.
तीनों को जमानत पर रिहा कर दिया गया था. कन्हैया बिहार के बेगुसराय से बीजेपी के गिरिराज सिंह के खिलाफ लोकसभा चुनाव में सीपीआई की टिकट से खड़े हुए थे, लेकिन उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था.
इन दिनों बिहार में ‘संविधान बचाओ रैली’ कर रहे कन्हैया ने एक और ट्वीट में आरोप लगाया कि देशद्रोह का केस दर्ज कर कैसे सरकार बुनियादी मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाती हैं.
उन्होंने आगे लिखा, ‘ सेडिशन केस में फास्ट ट्रैक कोर्ट और त्वरित कार्रवाई की जरूरत इसलिए है ताकि देश को पता चल सके कि कैसे सेडिशन कानून का दुरूपयोग इस पूरे मामले में राजनीतिक लाभ और लोगों को उनके बुनियादी मसलों से भटकाने के लिए किया गया है.’
दो अन्य आरोपियों उमर और अनिर्बान ने भी ट्वीट कर कहा कि दावा किया कि दिल्ली सरकार के फैसले से हमें कोई परेशानी नहीं होगी.
(1/3) Statement by Me and Anirban:
The news of Delhi govt granting sanction to sedition case against us doesn't trouble us at all. We are confident of our innocence, have full faith in the judiciary & have ourselves been demanding the case against us to be tried in the courts.
— Umar Khalid (@UmarKhalidJNU) February 28, 2020
उमर ने ट्वीट किया, ‘मेरे और अनिर्बान की तरफ से बयानः दिल्ली सरकार की तरफ से देशद्रोह केस में हमारे खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी से हमे कोई दिक्कत नहीं होगी. हमें भरोसा है कि हम निर्दोष हैं, हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और हम खुद इस मामले की कोर्ट में सुनवाई की मांग कर रहे थे.’
उन्होंने कहा, ‘कोर्ट में सुनवाई से साबित हो जाएगा कि सत्तारूढ़ सरकार की तरफ से कराया जा रहा मीडिया ट्रायल झूठा और राजनीतिक रूप से प्रेरित है. हम काफी समय से इन झूठे आरोपों के साए में जी रहे हैं. आखिरकार, सब दूध का दूध और पानी का पानी होगा. हम कोर्ट में अपना बचाव करेंगे, हम सत्तारूढ़ सरकार के झूठ और उनके राष्ट्रवादी होने के झूठे दावे की पोल खोलेंगे.’
उल्लेखनीय है कि 14 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें आरोप लगाए गए हैं कि 9 फरवरी, 2016 को जेएनयू कैम्पस में देश विरोधी नारेबाजी की गई थी और कन्हैया, उमर सहित 10 लोगों ने इस नारेबाजी का समर्थन किया था.