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भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाली एमएसएमई कराएगी बेरोजगारों को ऋण मुहैया
चतरा: एक ओर जहां कोरोना वैश्विक महामारी ने लोगों को बेरोज़गार कर दिया है, वहीं दूसरी ओर सरकार द्वारा खासकर प्रवासी मजदूरों के हित में उन्हें रोजगार से जोड़ने की दिशा में निरंतर कई प्रयास किए जा रहे हैं.
दरअसल, बड़ी संख्या में बाहर काम कर रहे लोगों को लॉकडाउन की वजह से सरकार अपने माध्यमों से उनकी घर वापसी करा रही है. तो कई लोग पैदल ही अपने घर लौट आए, जो अब बाहर जाने का नाम नहीं ले रहे.
वहीं ऐसे में इन प्रवासी मजदूरों के समक्ष आ खड़ी हुई बेरोजगारी की समस्या से निजात दिलाने के लिए सरकार इन्हें खादी ग्रामोद्योग आयोग के जरिए भी रोजगार से जोड़ने की दिशा में काम कर रही है.
चतरा जिले की प्रतिष्ठित सामाजिक संस्था अरुणोदय इस नेक कार्य में आगे आकर अपना हाथ बंटा रही है और लोगों को इस मुसीबत से निजात दिलाने का एक सकारात्मक प्रयास किया जा रहा है.
इधर सरकार के खादी ग्रामोद्योग आयोग के निर्देश पर जिले की सामाजिक संस्था अरुणोदय के तत्वाधान में इस निमित्त सोशल डिस्टेंस का पालन करते हुये कई बेरोजगार प्रवासी मजदूरों के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गयी.
इस मौके पर उपस्थित संस्था के डायरेक्टर डॉ सीताराम सिंह ने बताया कि लोगों को कुछ दिन तक कोई भी खाना खिला देगा, किन्तु हमेशा वो उनकी मदद नहीं कर सकते.
इसलिए सरकार ने खादी ग्रामोद्योग आयोग की पहल से भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाली एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) के माध्यम से लोगों को ऋण प्रदान कर ग्रामीण बेरोजगार लोगों को रोजगार देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है. ताकि इन्हें रोजगार की तलाश में बाहर न जाना पड़े.
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में 200 लोगों को रोजगार से जोड़ा जाएगा. इस मौके पर संस्था के के प्रतिनिधि समय समेत बाहर से आए प्रवासी मजदूर व ग्रामीण उपस्थित थे.