नई दिल्ली: बॉलीवुड अभिनेत्री कंगना रनौत लगातार बॉलीवुड माफिया, नेपोटिज्म और अब ड्रग्स के मुद्दे पर खुलकर अपनी बात रख रही हैं. कंगना के बयानों के चलते उन पर राजनीतिक पार्टियों से लेकर बॉलीवुड सेलिब्रिटिज तक ने निशाना साधा है. अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से इस मुद्दे पर बॉलीवुड जगत से अगर कोई सबसे ज्यादा सक्रिय होकर अपनी बात रख रहा है, तो वो कंगना रनौत है. वहीं, अब सरकार ने उन्हें वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की है.
दरअसल, कंगना रनौत और शिवसेना नेता संजय राउत के बीच जुबानी जंग तेज हो गई थी. संजय राउत ने कंगना को मुंबई न आने की नसीहत दी थी. इस पर कंगना ने मुंबई आने का चैंलेंज दिया था. वहीं, मुंबई पुलिस को लेकर दिए बयान के बाद से कंगना को लेकर शिवसेना हमलावर हो गई.
कंगना ने कहा था कि उन्हें मुंबई पुलिस पर भरोसा नहीं है. साथ ही उन्होंने मुंबई पुलिस की सुरक्षा लेने से इनकार किया था. इन हालात को देखते हुए कंगना के पिता ने हिमाचल प्रदेश सरकार से पुलिस सुरक्षा की मांग की थी. वहीं, अब गृह मंत्रालय की ओर से कंगना को वाई श्रेणी की सुरक्षा प्रदान की गई है.
आइए जानते हैं, क्या होती है वाई श्रेणी सुरक्षा
भारत में सुरक्षा की श्रेणी खतरे के स्तर के साथ-साथ रसूख भी मानी जाती है. केंद्रीय गृह मंत्रालय, इंटेलीजेंस ब्यूरो (आईबी) की सिफारिश पर हर साल विशिष्ट लोगों की सुरक्षा की समीक्षा करता है. खतरे के स्तर को देखते हुए विशिष्ट और अति विशिष्ट लोगों को विभिन्न स्तर की सुरक्षा दी जाती है.
देश में वीआईपी सुरक्षा को ध्यान में रखकर उन्हें अलग-अलग श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है. सरकार के पास यह निर्णय लेने का अधिकार होता है कि वह बड़े नेताओं और अधिकारियों को किस प्रकार की सुरक्षा देगी.
भारत में सुरक्षा व्यवस्था को अलग-अलग श्रेणियों में वर्गीकृत किया गया है. इसमें एसपीजी सुरक्षा, जेड प्लस, जेड, वाई और एक्स श्रेणी शामिल है. खतरे के आधार वीआईपी सुरक्षा राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, सांसद, विधायक, पार्षद, नौकरशाह, पूर्व नौकरशाह, जज, पूर्व जज, बिजनेसमैन, क्रिकेटर, फिल्मी कलाकार, साधु-संत या आम नागरिकों को मुहैया कराई जाती है.
क्या है वाई श्रेणी की सुरक्षा
यह सुरक्षा का तीसरा स्तर होता है. कम खतरे वाले लोगों को यह सुरक्षा दी जाती है. इसमें कुल 11 सुरक्षाकर्मी शामिल होते हैं. जिसमें दो पीएसओ (निजी सुरक्षागार्ड) और एक या दो कमांडो तैनात होते हैं. देश में सबसे ज्यादा लोगों को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है.