पंडित सुनील तिवारी
रांची: छठ पूजा हिंदू धर्म का मुख्य पर्व है जो कि कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. यह तिथि दीपावली के छठे दिन पड़ती है. यह पर्व 4 दिनों तक मनाया जाता है. इस पर्व को करने के लिए नदी और तालाबों के किनारे के स्थान को चुना जाता है. इस पर्व में सूर्य की दोनों शक्तियों की पूजा की जाती है, उगते हुए सूर्य की और डूबते हुए सूर्य की.
इस पर्व में सूर्य की पूजा होती है लेकिन इस पर्व को छठ बोला जाता है. इसका मुख्य कारण है कि सूर्य की बहन छठी मैया थी. सनातन धर्म में इन दोनों की पूजा का महत्व इसलिए है कि पृथ्वी पर जीवन सुरक्षित रखने के लिए यह लोग सदा आशीर्वाद देते रहें.
आदि काल से यह पर्व हिंदुओं के लिए प्रचलित था, परंतु अब धीरे-धीरे बाहर के देशों में भी और हिंदू धर्म को छोड़ और भी धर्म में इस पर्व को लोग मनाते हैं. यह पर्व हिंदू धर्म का बहुत ही कठिन पर्व है और इसमें थोड़ी सी भी गलती का तुरंत फल मिल जाता है. इस पर्व को मनाते समय सभी चीजें बहुत साफ सुथरे तरीके से रखनी पड़ती है. इस पर्व को स्त्री और पुरुष दोनों ही मना सकते हैं. इस पर्व को कोई विशेष व्यक्ति करे इसे लेकर कोई बाध्यता नहीं है.