नई दिल्ली: धनतेरस के दिन राष्ट्रीय आरोग्य के देवता भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है. ऐसा कहा जाता है कि धनतेरस के दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि एक दिव्य कलश लेकर प्रकट हुए थे, जिसमें औषधियों का भंडार था. संसार को आरोग्य दिलाने के लिए भगवान विष्णु ने धनवंतरी के रूप में जन्म लिया था. भगवान धन्वंतरि देवताओं के चिकित्सक हैं और इनकी पूजा से आरोग्य की कामना की जाती है. इसलिए इस दिन को आरोग्य दिवस के रुप में भी मनाया जाता है.
इस दिन औषधिय बर्तन खरीदनी चाहिए. चांदी का बर्तन खरीदना भी शुभ होता है. चांदी न हो सके तो पीतल के बर्तन खरीदेए. वहीं कहा जाता है कि इस दिन झाड़ू खरीदने से दरिद्रता नहीं होती है.
लक्ष्मी गणेश की मूर्ति भी इसी दिन खरीदना चाहिए. इस साल गुरुवार की शाम 6:32 के बाद से खरीदारी करने का शुभ मुहुर्त है, इसलिए इसके बाद खरीदारी करनी चाहिए. अगले दिन शुक्रवार को सूर्योदय में त्रयोदशी होने के नाते इस दिन भी खरीदारी कर सकते हैं. वैसे गुरुवार की शाम 6:32 से 7:30 बजे तक विशेष खरीदारी के मुहुर्त है.
वहीं अगर आप भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की मूर्ती खरीद रहे हैं तो इस बात का ध्यार रखें कि केवल लक्ष्मी का मूर्ति नहीं लेना चाहिए. लक्ष्मी जी के साथ गणेश जी या सरस्वती जी का मूर्ति होना चाहिए. मूर्ति खरीदते क्रोधित मुद्रा वाली मूर्ति न लें, यह कंगाली का प्रतीक माना जाता है. हमेशा चेहरे पर मुस्कान वाली मूर्ति लें.
यह भी ध्यान दें कि लक्ष्मी के हाथों से सिक्के गिरने वाली मूर्ति लें तो सिक्के किसी पात्र में गिर रही हो न कि जमीन पर. पात्र में सिक्के गिरने वाली मूर्ति से घर में धन वर्षा होगी और जमीन पर सिक्के गिरने वाली मूर्ति से धन का नुकसान होता है और कंगाली आती है. इसलिए यदि सिक्के वाली मूर्ति लेनी है तो लक्ष्मी जी के हाथ से पात्र में सिक्के गिराने वाली मूर्ति लेनी चाहिए.