दिल्ली: मॉडर्ना इंक (Moderna) का कहना है कि लार्ज लेट स्टेज क्लीनिकल ट्रायल में उनकी कोरोना वैक्सीन के 94.5 फीसदी प्रभावी होने का पता चला है. इससे पहले एक अन्य वैक्सीन निर्माता फाइजर इंक ने कहा कि उनकी वैक्सीन 90 फीसदी से अधिक प्रभावी पायी गई है. दोनों शॉट्स मैसेंजर आरएनए नामक एक तकनीक पर निर्भर हैं, जिसका उपयोग कभी भी अनुमोदित टीके के निर्माण के लिए नहीं किया गया है. कंपनी के एक बयान में कहा गया है कि 30,000 से अधिक वालंटियर के डेटा के पहले विश्लेषण में मॉडर्ना के टीके को कोविड -19 के खिलाफ प्रभावी पाया गया है.
मॉडर्ना ने सोमवार को कहा कि नए आंकड़ों से पता चलता है कि उनकी वैक्सीन रेफ्रिजरेटर के तापमान पर 30 दिनों के लिए रखी जा सकती है, पहले इसे सात बताया जा रहा था. यह वैक्सीन लंबे समय तक स्टोरेज के लिए इसे फ्रीजर में रखी जा सकती है, इसमें फाइजर वैक्सीन के लिए आवश्यक विशेष सुविधाओं की आवश्यकता नहीं है. मॉडर्ना और फाइजर दोनों के टीके mRNA तकनीक पर आधारित हैं. एक बार इंजेक्शन लगाने के बाद टीके कोशिकाओं को सुरक्षात्मक एंटीबॉडी के निर्माण को उत्तेजित करते हैं.
mRNA के भंडारण और परिवहन के लिए बेहद ठंडे वातावरण की आवश्यकता होती है. पिछले हफ्ते Pfizer ने कहा था कि उनकी वैक्सीन 90 फीसदी प्रभावी थी. अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) के निदेशक डॉ.रणदीप गुलेरिया ने कहा “फाइजर वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री सेल्सियस पर रखना पड़ता है जो भारत और विकासशील देशों के लिए एक चुनौती है.
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है कि भारत में कोरोना वायरस के दैनिक नए मामलों में लगातार गिरावट हो रही है. भारत में पिछले 24 घंटों में COVID19 के 29,164 नए मामले आने के बाद कुल मामलों की संख्या 88,74,291 हो गई है. 449 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,30,519 है.
12,077 की कमी के बाद अब देश में सक्रिय मामले 4,53,401 हैं. 40,791 नए डिस्चार्ज के बाद कुल ठीक हुए मामलों की संख्या 82,90,371 हुई. भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR)का कहना है कि कल (16 नवंबर) तक कोरोना वायरस के लिए कुल 12,65,42,907 सैंपल टेस्ट किए गए, जिनमें से 8,44,382 सैंपल कल टेस्ट किए गए.