रांची: ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि लाॅकडाउन के दौरान सरकारी आदेष और नियमों की किसी प्रकार की कोई अनदेखी नहीं हुई है.
प्रदेश कांग्रेस के सदस्यता प्रभारी सह आलोक कुमार दूबे ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लाॅकडाउन को लेकर कई चरणों में निर्णय लिये गये.
उन्होंने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की ओर से 29 मार्च की शाम चार बजे पूर्णतः लाॅकडाउन के तहत बसों का पास नहीं जारी करने का निर्णय लिया गया.
लेकिन इससे पहले ही मौजूदा नियम और प्रावधान के अनुसार, रांची में फंसे कुछ लोगों को पाकुड़ और संतालपरगना के विभिन्न जिलों में भेजने का निर्णय प्रशासन द्वारा लिया गया.
पाकुड़ पहुंचने पर इन सभी को क्वारंटाइन भी रखा गया है, इसलिए यह कहना कि लाॅकडाउन में किसी के आदेष में पर जिला प्रषासन द्वारा कोई गलत कदम उठाया गया. यह पूरी तरह से निराधार है और राजनीति से प्रेरित है.
उन्होंने बताया कि इससे पहले दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से भी लोगों को विशेष यात्री बस से विभिन्न जगहों के लिए भेजा गया. इसलिए ऐसे संकट की घड़ी में राजनीति करने के बजाय, लोगों की समस्या का समाधान कैसे और वायरस के प्रसार पर कैसे अंकुश लगे, इस पर चर्चा करने की जरूरत है.