रांची: राजस्व, भूमि, निबंधन एवं भूमि सुधार मंत्री जगरनाथ महतो ने स्पष्ट किया कि देवघर जिले के देवीपूर अंचल में पूर्व की सरकार द्वारा जिंदल को दी गयी जमीन रैयतों को वापस होगी क्योंकि जिंदल द्वारा उक्त जमीन पर अब तक कुछ नहीं किया गया है. केवल चहारदीवारी कर छोड़ दी गयी.
यह जमीन जिंदल को भू-अर्जन अधिनियम-1984 के तहत जमीन दी गयी थी जबकि केंद्र सरकार द्वारा जारी अधिनियम में साफ तौर पर कहा गया है कि जिस काम के लिए जमीन दी गयी है. अगर पांच वर्षों तक काम शुरू नहीं हो सका है तो वह जमीन रैयत को वापस कर दी जाएगी. मंत्री महतो सदन में विधायक प्रदीप यादव द्वारा उठाये गए सवाल पर सदन में जवाब दे रहे थे. उन्होंने कहा कि इस मामले को कैबिनेट में लाकर एक्ट के अनुसार रैयतों को जमीन वापस की जाएगी.
रघुवर सरकार ने इसे लैंडबैंक बना दिया
मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि केंद्र के अधिनियम को खुद से बदल कर रघुवर सरकार ने उद्यमियों को आवंटित जमीन को अपनी मर्जी से लैंडबैंक बना दिया. जो गलत है. रैयतों को अब उन्हें जमीन वापस नहीं की गयी है. अगर जो जमीन काम में न आए उसे रैयतों को वापस कर देना चाहिए. उन्होंंने कहा कि एम्स के लिए आवंटित 169 एकड़ भूमि वापस नहीं होगी क्योंकि यह जनहित का मामला है.
किस कार्य के लिए जमीन आवंटित की गयी थी
एम्स को हस्तांतरित भूमि-169.10 एकड़
प्लामस्टिकक पार्क-93.09 एकड़
उद्यमियों को आवंटित भूमि-49.87 एकड़
आधारभूत संरचना-30.00 एकड़