हर्षित और अनमोल ने बताया कि शनिवार को अचानक मथुरा घूमने का प्लान बना. देहरादून से निशांत, हिमांशु, कनिका और सृष्टि आ रहे थे. उन्होंने अनमोल और हर्षित को मुजफ्फरनगर से अपने साथ कार में बैठा लिया. वे दिल्ली के लिए निकले तो रास्ते में कोहरे के कारण गंगनहर पटरी पर खड़ी कार दिखाई न देने के कारण उनकी कार, दूसरी को टक्कर मारते हुए गंगनहर में जा गिरी. नहर में गिरते ही कार की खिड़की खुल गई और उसमें सवार हिमांशु, निशांत, कनिका, सृष्टि पानी के तेज बहाव में बह गए. हालांकि, अनमोल व हर्षित तैरकर नहर से बाहर आ गए.
बताया कि रात में दिल्ली रुकते और अगले दिन मथुरा जाते. नहर में बही सृष्टि निवासी गौतमविहार और कनिका निवासी पटेलनगर देहरादून उत्तराखंड यूनिवर्सिटी से एमबीए कर रही है, निशांत कृषि विभाग में क्लर्क के पर पद तैनात हैं. पिता की मौत के बाद मृतक आश्रित कोटे से निशांत की नौकरी लगी थी. वहीं, हिमांशु भी देहरादून में बीसीए प्रथम वर्ष का छात्र है.
सृष्टि के चाचा अरविंद जोशी ने बताया कि सृष्टि शनिवार तीसरे पहर घर से बाजार के लिए कहकर निकली थी. सुबह उसने कहा था कि वह शाम तक वापस आ जाएगी. लेकिन, रात तक परिजन इंतजार करते रहे. देर रात दो बजे जब यह खबर आई तो सभी के होश उड़ गए. जबकि, कनिका अपने दोस्तों के साथ हॉस्टल से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी. दोनों के परिजन इस बात से वाकिफ नहीं है कि दोनों सहेलियां दोस्ताें के साथ कैसे मुरादनगर पहुंच गई.
देहरादून में हादसे की सूचना आते ही दोनों परिवारों में कोहराम मच गया. दोनों के परिवारों को ढांढस बंधाने के लिए भीड़ जुट गई. सृष्टि की मां राजेश्वरी देवी और कनिका की मां सीमा बिंदल गहरे सदमे हैं. जानकारी के अनुसार सृष्टि के पिता अरुण जोशी वन विभाग में फोरेस्ट ऑफिसर हैं, जो फिलहाल कुल्हाल में तैनात हैं. कनिका के पिता टाइल का कारोबार करते हैं.