जयपुर: भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का आरोप है कि चीन के साथ इस विवाद के समय में कांग्रेस के नेता अपने बयानो से सेना का मनोबल गिरा रहे है.
नड्डा का कहना है कि इस संकट के समय में भी हमें एक गैर जिम्मेदाराना विपक्ष देखने को मिल रहा है. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ के मौके पर शनिवार को राजस्थान की वर्चुअल रैली को सम्बोधित करते हुए जेपी नड्डा ने यह बात कही.
नड्डा ने सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस के रूख की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि एक तरह जहां सभी दल सरकार का साथ देने की बात कर रहे थे, वहीं कांग्रेस न जाने क्या क्या पूछ रही थी. उन्होंने कहा कि कांग्रेस खुद इतने वर्ष सत्ता में रही है, क्या उसे पता नहीं है कि ऐसे मामलों में सरकार क्या और कैसे जवाब देती है.
नड्डा ने कांग्रेस नेताओं के बयानों और उनकी भाषा पर भी कड़ी आपत्ति की और कहा कि कहा कि हम भी विपक्ष में रहे है, लेकिन जब जब देश पर संकट आया है और दूसरे देशों के साथ युद्ध की स्थितियां बनीं हमारे नेता तत्कालीन सरकारों के साथ खडे रहे है, लेकिन आज कांग्रेस के नेताओं के बयान और भाषा बहुत ही गैर जिम्मेदाराना है.
कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल कर रहे है, वह खेदजनक है. हमारे भारतीय परिवारों में इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं किया जाता. उन्होंने कहा कि हम चाहते है कि विपक्ष हो, लेकिन उसकी बातों में दम होना चाहिए.
कोरोना संकट के दौरान कांग्रेस नेताओं के बयानों पर भी नढढा ने आपत्ति की और कहा कि दुख के साथ कहना पडता है कि हम इस बीमारी से लडाई लड रहे थे तो कांग्रेस राजनीति कर रही थी.
हमने लाॅकडाउन लगाया तो सवाल किया गया, लेकिन यह भूल गए कि खुद कांग्रेस के मुख्यमंत्रियों ने ही पहले लाॅकडाउन किया. फिर कहा कि इसे हटाते क्यों नहीं, जबकि इनकी सरकारों के मुख्यमंत्री ही प्रधानमंत्री के साथ बैठकों में इसे जारी रखने की बात करते थे.
नड्डा ने कहा कि भाारत का रोड मैप तो मोदी के नेतृत्व में सुरक्षित है, लेकिन कांग्रेस को यह बताना चाहिए कि उसका रोडमैप क्या है. नड्डा ने कहा कि कोरोना का संकट बिल्कुल नया और अनजाना था. हमारी इच्छा थी कि प्रवासी श्रमिक जहां थे, वहीं रहें, लेकिन भावनाओं के चलते वे घर जाना चाहते थे. यह सही है कि उन्हें परेशानी हुई, लेकिन हमारे कार्यकर्ताओं ने जहां तक हो सके उनकी मदद की.
नड्डा ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि धारा 370 हटाने की हमसे ज्यादा खुशी जम्मू कश्मीर के लोगों ने मनाई है. वहां आज तक परिसीमन नहीं हुआ है. वहां के लोगों को आदिवासी आरक्षण प्राप्त नहीं था. अब परिसीमन होगा और गुर्जर और बकरवाल इस आरक्षण के कारण विधानसभा में पहुंच सकेंगे.
वहां के वाल्मीकि सिर्फ सफाई कर्मचारी बन सकते थे, लेकिन इस वर्ग के लोग भी डाॅक्टर, इंजीनियर और अधिकारी बन सकेंगे. पश्चिमी पाकिस्तान से जो लोग कश्मीर आए, उन्हें चुनाव लडने का अधिकार नहीं था, लेकिन अब उन्हें यह अधिकार मिल सकेगा.
भारत के 106 कानून वहां लागू नहीं होते थे. इनमें घरेलूू हिंसा, पोक्सो, भ्रष्टाचार निरोधी कानून जैसे अहम कानून शामिल थे. कुल मिला कर जम्मू कश्मीर अब देश की मुख्यधारा शामिल हो सकेगा.
नड्डा ने ट्रिपल तलाक, नागरिकता संशोधन विधेयक और राम मंदिर की बात भी की और केन्द्र सरकार की फलैगशिप योजनाओं को ऐतिहासिक बताया और कहा कि इस दौरान सरकार ने बडे निर्णय तो किए ही, लेकिन कोरोना जैसे अनजान संकट से भी सफल लडाई लडी.
उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर पैकेज सिर्फ पैसे बांटने का पैकेज नहीं है, बल्कि इसके जरिए देश के इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत और लोकल को ग्लोबल बनाया जाएगा. सभा में चीनी सेना के साथ हुए संघर्ष में शहीद हुए जवानों और कोरोना संकट में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजली दी गई. सभा को राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी सम्बोधित किया.