हेल्थ डेस्क: सामान्य रूप से शरीर में लाल रक्त कणों की उम्र करीब 120 दिनों की होती है, परंतु थैलेसीमिया के कारण इनकी उम्र सिमटकर मात्र 20 दिनों की हो जाती है.यह आनुवांशिक रोग जितना घातक है, इसके बारे में जागरूकता का उतना ही अभाव है. इसका सीधा प्रभाव शरीर में स्थित हीमोग्लोबीन पर पड़ता है. हीमोग्लोबीन की मात्रा कम हो जाने से शरीर दुर्बल हो जाता है तथा अशक्त होकर हमेशा किसी न किसी बीमारी से ग्रसित रहने लगता है. थैलेसीमिया नामक बीमारी प्रायः आनुवांशिक होती है. इस बीमारी का मुख्य कारण रक्तदोष होता है. यह बीमारी बच्चों को अधिकतर ग्रसित करती है तथा उचित समय पर उपचार न होने पर बच्चे की मृत्यु तक हो सकती है.
थैलेसीमिया में लेने योग्य आहार
- कैल्शियम युक्त आहार अधिक मात्रा में लें. यह हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत रखने के लिए अत्यंत जरूरी है. डेरी उत्पाद कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं. एक अतिरिक्त लाभ यह भी है कि डेरी उत्पाद शरीर के आयरन अवशोषण की क्षमता को कम करते हैं.
- कैल्शियम के अवशोषण के लिए शरीर को विटामिन डी की आवश्यकता होती है. विटामिन डी अण्डों, डेरी उत्पादों और मछली में मिलता है.
इनसे परहेज करें
- तरबूज, पालक, खुबानी, हरी पत्तेदार, एस्पार्गस, आलू, खजूर, किशिमिस, ब्रोकोली, फलियाँ, मटर, सूखी फलियाँ, दालें
- आयरन की अधिक मात्रा
- दलिया
- चाय, कॉफ़ी
- मसाले
योग और व्यायाम
व्यायाम नियमित करें और डॉक्टर से अपने लिए उचित व्यायाम कार्यक्रम की जानकारी लें.
घरेलू उपाय (उपचार)
- अधिक मात्रा में रक्त चढ़वाने वाले लोगों को चेलेशान थेरेपी नामक उपचार की आवश्यकता होती है, ताकि शरीर के अधिक आयरन को हटाया जा सके.
- यदि आप रक्त चढ़वा रहे हैं तो आपको आयरन के पूरक नहीं लेने चाहिए.
- स्वास्थ्यवर्धक आहार लें.
- संक्रमण ना होने दें.