जमशेदपुर: टाटा मोटर्स कई दशक से डिफेंस सेक्टर में कार्यरत है. कंपनी अब तक रक्षा, अर्द्ध सैनिक, राज्य पुलिसबलों के लिए रसद, युद्ध के लिए जरूरी सामान सहित बख्तरबंद वाहनों का निर्माण करती रही है.
इसके अलावे टाटा मोटर्स लड़ाकू विमान, लैंड माइंस संभावित क्षेत्रों के लिए अत्याधुनिक वाहन सहित हल्के बख्तरबंद वाहनों का भी निर्माण करने में अपना फोकस करती रही है.
इसके अलावे टाटा मोटर्स ने एमआरएसएएम, आकाश, अग्नि और ब्रह्मोस जैसे विभिन्न रणनीतिक कार्यक्रमों में भारतीय रक्षा प्रतिष्ठान के साथ भागीदारी की है. साथ ही कंपनी द्वारा सार्क, आसियान और अफ्रीकी देशों को रक्षा वाहनों की एक श्रृंखला भी निर्यात करता रहा है. लेकिन टाटा मोटर्स ने अपने ही डिफेंस बिजनेस को टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड (टीएएसटी) को ट्रांसफर कर दिया है. मुंबई और हैदराबाद की नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के अनुमोदन के बाद बिक्री की यह प्रक्रिया पूरी की गई.
टाटा मोटर्स ने अपने डिफेंस बिजनेस को व्यापक और अपस्ट्रीम बनाने के लिए यह पहल की है इसके लिए 227.7 करोड़ में डील फाइनल हुई है. टाटा संस की पूर्ण स्वामित्व वाली टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड सहायक कंपनी है जो अब एयरो स्पेस, डिफेंस और देश की रक्षा के लिए जरूरी सामानों के निर्माण पर ही फोकस करेगी.
टाटा संस ने देश के डिफेंस सेक्टर के लिए जरूरी सामानों को बनाने और बेहतर तालमेल के लिए ही एकल इकाई वाली कंपनी टीएएसएल कंपनी का निर्माण किया है जो पूरी तरह से केवल डिफेंस पर ही काम करेगी.
हालांकि, टाटा मोटर्स लिमिटेड डिफेंस सेक्टर को वाणिज्यिक व पैसेंजर वाहनों की आपूर्ति जारी रखेगा. साथ ही टाटा मोटर्स रक्षा क्षेत्र के लिए चेसिस निर्माण पर काम करती रहेगी. जिसका निर्माण टाटा मोटर्स की जमशेदपुर इकाई में होता है. जमशेदपुर प्लांट में डिफेंस के लिए भारी वाहनों का निर्माण किया जाता है.
वहीं टाटा संस का कहना है कि टाटा एडवांस सिस्टम लिमिटेड के माध्यम से हम देश के भीतर और बाहर वैश्विक स्तर पर डिफेंस से जुड़े अत्याधुनिक वाहनों सहित हर जरूरत को पूरा करने के लिए काम करते रहेंगे. साथ ही कंपनी डिफेंस सेक्टर में नए डिजाइन, विकास और क्षमताओं को बढ़ाने के लिए निवेश करता रहेगा.