रांची: अगर आप बवासीर से परेशान हैं तो जिमीकंद का इस्तेमाल काफी फायदे वाला होता है. यह इस रोग में रामबाण की तरह काम करता है. बवासीर के अलावा मौसमी बीमारियों से भी यह बचाता है.
आइए जानते हैं के फायदे और कैसे बनाएंगे इसकी सब्जी, चोखा व अचार
यह पचने में हलका, कफ एवं वात शामक, रुचिवर्धक, शूलहर, मासिक धर्म बढ़ानेवाला व बलवर्धक है.
सफेद सूरन अरुचि, मंदाग्नि, कब्ज, पेटदर्द, वायुगोला, आमवात तथा यकृत व प्लीहा के मरीजों के लिए एवं कृमि, खांसी व श्वांस की तकलीफ वालों के लिए उपयोगी है.
सूरन पोषक रसों के अवशोषण में मदद करके शरीर में शक्ति उत्पन्न करता है.
बेचैनी, अपच, गैस, खट्टी डकारें, हाथ-पैरों में दर्द आदि में तथा शारीरिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए बहुत ही लाभदायी है. सूरन की लाल व सफेद इन दो प्रजातियों में से सफेद प्रजाति का उपयोग सब्जी के रूप में विशेष तौर पर किया जाता है.
बवासीर में रामबाण औषधि
सूरन के टुकड़ों को पहले उबाल लें और फिर सुखाकर उनका चूर्ण बना लें. यह चूर्ण 320 ग्राम, चित्रक 160 ग्राम, सोंठ 40 ग्राम, काली मिर्च 20 ग्राम एवं गुड एक किलाे.इन सबको मिलाकर देशी बेर जैसी छोटी-छोटी गोलियां बना लें. इसे ‘सूरन वटक’ कहते हैं. प्रतिदिन सुबह-शाम तीन- गोलियां खाने से बवासीर में खूब लाभ होता हैं . इससे सभी प्रकार की बवासीर में लाभ होता है. यह प्रयोग तीस दिन तक करें. खूनी बवासीर में सूरन की सब्जी के साथ इमली की पत्तियां एवं चावल खाने से लाभ होता हैं.
जिमीकंद का प्रयोग कई रूपों में किया जा सकता है जिमीकंद की सब्जी चोखा और अचार सभी फायदेमंद होते है.
संभव हो तो भोजन के साथ थोड़ी मात्रा में इसका सेवन प्रतिदिन करें, नहीं तो क्वार और कार्तिक भर इसका सेवन जरूर करें.
इससे बवासीर में तो फायदा होगा ही, अन्य बीमारियों से भी बचे रहेंगे.