हेल्थ डेस्क: एक ओर जहां मूल रूप से मूंग की दाल का सेवन एशिया, यूरोप और अमेरिका में किया जाता है, वहीं भारत में मूंग दाल मुख्य भोजन का हिस्सा होने के साथ-साथ हमें स्वस्थ रखने में भी अहम भूमिका निभाती है. स्वाद और सेहत के हिसाब से दालें महत्वपूर्ण हैं. इन्हीं दालों में से एक है मूंग की दाल. इसे हरी दाल के नाम से भी जाना जाता है.
मूंग दाल आपकी सेहत के लिए बेहतर
कई लोग नाश्ते में स्प्राउट्स के तौर पर मूंग की दाल खाते हैं. वहीं, डॉक्टर भी इसके सेवन की सलाह देते हैं. इसके पीछे मुख्य कारण है, इस दाल में पाए जाने वाले पोषक तत्व. मूंगदाल में प्रचुर मात्रा में पोषक तत्व होते हैं. इसमें सेहत के लिए जरूरी फ्लेवोनोइड्स, फेनोलिक एसिड, कार्बनिक एसिड, अमीनो एसिड, कार्बोहाइड्रेट और लिपिड जैसे पोषक तत्वों की अच्छी मात्रा पाई जाती है. इसके अलावा, मूंग दाल में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल, एंटीइंफ्लेमेटरी, एंटीडायबिटिक, एंटीहाइपरटेंसिव और एंटीट्यूमर गुण पाए जाते हैं, जो कई बीमारियों को दूर करने में मददगार हो सकते हैं.
मूंग दाल के फायदे
हीट स्ट्रोक को दूर करने में मददगार
अधिक गर्मी, डिहाइड्रेशन के कारण हीटस्ट्रोक की समस्या हो सकती है. यह समस्या आमतौर पर गर्मियों के मौसम में होती है. अधिक गर्मी के कारण और द्रव्य पदार्थों के कम सेवन से शरीर में पानी की कमी हो जाती है और इससे हीटस्ट्रोक का खतरा हो सकता है. चूहों पर किए गए शोध में पाया गया कि मूंग दाल में विटेक्सिन (vitexin) और आइसोविटेक्स (isovitexin) नामक घटक पाए जाते हैं, जिनमें एंटीऑक्सीडेंट प्रभाव मौजूद होता है. इस गुण के कारण हीटस्ट्रोक के खतरे को दूर करने में मदद मिल सकती है. इसलिए, गर्मी के मौसम में मूंग दाल का सूप पीना फायदेमंद हो सकता है.
एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर
यह तो हम ऊपर बता ही चुके हैं कि मूंग दाल में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं. इसके अलावा, मूंग की दाल में कुछ फ्लेवोनॉयड्स पाए जाते हैं, जो एंटीऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होते हैं. ये गुण ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को दूर करने में मदद कर सकते हैं. ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण कारण, डायबिटीज, हृदय रोग जैसी समस्याएं हो सकती हैं. एक अन्य शोध में पाया गया है कि मूंग के सूप में पाया जाने वाला एंटीऑक्सीडेंट गुण गर्मी के कारण होने वाले तनाव को भी दूर करने में कारगर हो सकता है.
कोलेस्ट्रॉल को कम करने में फायदेमंद
मूंग की दाल में हाइपोकोलेस्ट्रोलेमिया यानी कोलेस्ट्रॉल को कम करने का प्रभाव पाया जाता है. इस प्रभाव के कारण मूंग की दाल रक्त में माैजूद कुल कोलेस्ट्रॉल और एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम कर सकती हैं. इस आधार पर यह कोलेस्ट्रॉल को बढ़ने से रोकने के साथ ही इसके स्तर काे कम करने में फायदेमंद हो सकते हैं.
रक्तचाप को नियंत्रित करे
मूंग दाल रक्तचाप को भी नियंत्रित करने में मदद कर सकती है. मूंग दाल में पाया जाने वाला यह गुण रक्तचाप को नियंत्रित करने के साथ-साथ उसे बढ़ने से रोकने और उससे होने वाली स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है.
पाचन में सुधार करने के लिए
मूंग में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा पाई जाती है, जो पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए जरूरी है. इसके अलावा, इसमें पाए जाने वाले अन्य घटक जैसे कि ट्रिप्सिन इन्हिबिटर्स, हीमगलगुटिनिन, टैनिन और फाइटिक एसिड ने में फायदेमंद हो सकते हैं.
गर्भावस्था में फायदेमंद
गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को भरपूर मात्रा में फोलेट युक्त खाद्य पदार्थ खाने की सलाह दी जाती है. वहीं, भूण के विकास के लिए भी फोलेट जरूरी है. गर्भावस्था के समय फोलेट की कमी होने से मां और शिशु दोनों को समस्या हो सकती है. वहीं, शोध में पाया गया है कि 100 ग्राम मूंगदाल में 625 माइक्रोग्राम फाेलेट की मात्रा पाई जाती है, जो गर्भावस्था के दौरान जन्म दोष को दूर करने के साथ ही पोषण में फायदेमंद हो सकती है. वहीं, अगर मूंग दाल से बने कच्चे स्प्राउड्स का सेवन किया जाता है, तो इससे पेट खराब होने की आशंका पैदा हो सकती है.