BNN DESK: माना जाता है की अगर कलियुग में कोई देवता है जो बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाते है तो वो हनुमान जी है . हनुमान जी के रूपों की मूर्तियां और चित्र सभी जगहों पर देखाई देती है. शास्त्रों में लिखा है की भगवान हनुमान के अलग अलग रूपों की पूजा करने से अलग अलग फल प्राप्त होता है.
हनुमान जी के अलग अलग स्वरूपों की पूजा और उनके फल
1: भक्त हनुमान
भगवान हनुमान का पहला रूप है भक्त हनुमान . हनुमान जी के इस रूप में वह भगवान श्रीराम की भक्ति में लीन दिखाई देते है. हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा करने से जातक के मन में एकाग्रता और शक्ति का संचार होता है जिससे सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है. व्यक्ति के कार्यों में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती है.
2: सेवक हनुमान
हनुमान जी का दूसरा स्वरूप है सेवक हनुमान. हनुमान जी के इस रूप में वह भगवान श्रीराम की सेवा में लीन दिखाई देते है. हनुमान के इस स्वरूप की पूजा करने से व्यक्ति के मन में रिश्तों के प्रति सेवा और प्रेम जागता है. जिस भी जगह पर व्यक्ति काम करता हो उस जगह से सभी बड़े बूढ़ों से प्रेम और सम्मान प्राप्त होता है |
3: वीर हनुमान
हनुमान जी का तीसरा रूप है वीर हनुमान. इन्हे वीर हनुमान इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस स्वरूप में शक्ति, बल, ताकत, पराक्रम और आत्मविश्वास दिखाई देता है. हनुमान जी ने अपनी बुद्धि और ताकत से कई राक्षसों का नाश किया है और श्री राम के काम संभाले है. हनुमान जी के इस रूप की पूजा करने से व्यक्ति को साहस और ताकत का वरदान मिलता है .
4: सूर्यमुखी हनुमान
हनुमान जी का चौथा रूप है सूर्यमुखी हनुमान. हनुमान जी के गुरु का नाम सूर्यदेव है. सूर्य उदय पूर्व दिशा से होता है. सूर्य का प्रकाश गति और ज्ञान का सूचक माना जाता है. यदि व्यक्ति हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा करें जिसमें चित्र में हनुमान जी भगवान सूर्य की पूजा कर रहे हो तो व्यक्ति के ज्ञान में वृद्धि होती है और सभी कार्यों में प्रगति होती है. व्यक्ति को विद्या , इज्जत, विख्यात और उन्नति मिलती है .
5: दक्षिणमुखी हनुमान
भगवान हनुमान की मूर्ति जिसमें उनका मुख दक्षिण दिशा में हो उस स्वरूप को दक्षिणमुखी हनुमान कहा जाता है. दक्षिण दिशा काल के चालक “यमराज” की दिशा मानी जाती है. जो भी व्यक्ति हनुमान जी के इस स्वरूप की पूजा करता है उस व्यक्ति के मन से मृत्यु का भय ख़त्म हो जाता है.
6: उत्तरमुखी हनुमान
उत्तर दिशा देवी और देवताओं की मानी जाती है. उत्तर दिशा में सभी देवी -देवता निवास करते है. भगवान हनुमान की मूर्ति जिसमें उनका मुख उत्तर दिशा में हो उस स्वरूप को उत्तरमुखी हनुमान कहा जाता है. जो भी व्यक्ति हनुमान जी के इस रूप की पूजा करता है उस पर देवी देवताओं का आशीर्वाद रहता है. घर परिवार में खुशी का वातावरण होता है.