डालटनगंज: पलामू जिले के किसान कम पानी और बीज से धान की अधिक पैदावार ले सकते है.परंपरागत विधि से धान की खेती करने से ही अधिक पैदावार संभवना रहती है. उक्त बातें रामगढ़ प्रखंड के बीटीएम संजय कुमार ने हुतार पंचायत के हुटार गांव में आयोजित कृषक पाठशाला में प्रशिक्षण ले रहे किसानों को बतायी.
उन्होंने बताया कि विधि में 10-15 दिन के या दो पते के पौधे को लगाया जाता है. पौधे की रोपाई 25 सेंटीमीटर की दूरी पर लाइन में की जाती हैं. एक बार में एक पौधे को लगाया जाता है.
इस विधि से एक एकड़ खेत में धान रोपने के लिए सिर्फ 2 किलो ग्राम बीज की आवश्यकता होती है क्योंकि एक किलोग्राम धान में लगभग 40000 दाने होते हैं. इस तरह 2 किलोग्राम बीज में 80000 दाने होते हैं. जबकि 1 एकड़ खेत में 10 इंच की दूरी पर एक-एक पौधा लगाने में लगभग 64000 पौधे की आवश्यकता पड़ती है जिसके लिए बीज पर्याप्त है.
उन्होंने पाठशाला में किसानों को परंपरागत खेती के तौर तरीके बताने के साथ कृषि क्षेत्र में हो रहे नयी खोज और शोध के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी.
कृषक पाठशाला में उपस्थित आत्मा के उप परियोजना निदेशक प्रवीण राज ने किसानों को जानकारी दी की विधि में प्रति पौधे औसतन 40 से 50 कल निकलते हैं, जो अधिकतम 80 तक जा सकते हैं, इस विधि से खेती करने पर परंपरागत विधि की तुलना में दो से 3 गुना ज्यादा उपज होती है.
कृषक पाठशाला के संचालक राजेश राम ने बताया कि विधि को इस पंचायत में अधिक से अधिक प्रचार प्रसार किया जाएगा ताकि किसान अधिक उपज ले सके.
इस पाठशाला में उपस्थित 25 किसानों के अलावा प्रखंड के सहायक तकनीकी प्रबंधक रवि कुमार सिंह, चैनपुर के सहायक तकनीकी प्रबंधक राजन कुमार तथा प्रशिक्षक के रूप में अंकित कुमार पांडे सहायक तकनीकी प्रबंधक पाकी उपस्थित थे.