रांचीः एक दर्जन से अधिक बोर्ड-निगम व आयोग में आईएएस व आईएफएस काबिज हैं. उन्हें रिटायरमेंट बेनेफिट प्लान मिला हुआ है. जो बोर्ड निगम व आयोग में पद खाली पड़े हैं, उसके लिए लॉबिंग भी शुरू हो गई है. इसमें सबसे अधिक दिलचस्पी ब्यूरोक्रेट्स ही दिखा रहे हैं. यही वजह है कि ब्यूरोक्रेट्स भी इस खेल को बेहतर तरीके से खेलते हैं. वरीय आईएएस अफसरों को बतौर बोर्ड-निगम में जगह देकर बेहतर रिटायरमेंट प्लान का तोहफा भी मिल जाता है. प्लान ऐसा कि पद, पैसे के साथ तीन व पांच साल के लिए बुक. इस वजह से अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ बोर्ड- निगम में जगह पाने से वंचित रह जाते हैं.
एक दर्जन से अधिक बोर्ड-निगम IAS के हवाले
राज्य के एक दर्जन से अधिक बोर्ड-निगम और आयोग में आईएएस अफसर काबिज हैं. इसमें अपर मुख्य सचिव रैंक के अफसर भी शामिल हैं. अफसरों की प्रभावी लॉबी के साथ उनकी पहुंच और पैरवी के आगे सरकार भी नतमस्तक हो जाती है.
इन बोर्ड निगम और आयोग में IAS हैं काबिज
- राज्य मानवाधिकार आयोगः पूर्व आईएएस एसके सत्पथी
- झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग: बिहार कैडर के पूर्व आईएएस अरविंद सिंह
- झारखंड राज्य लोक सेवा आयोग: पूर्व सीएस सुधीर त्रिपाठी
- ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड: एल खियांग्यते
- झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड: आईएफएस एके रस्तोगी
- राज्य निर्वाचन आयोगः आइएएस एनएन पांडेय
- झारखंड राज्य खाद्य आयोगः आइएएस सुधीर प्रसाद
इन प्रमुख बोर्ड, निगम आयोग में अध्यक्ष का पद है खाली
- झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग
- राज्य सूचना आयोग
- आरआरडीए
- झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग
- खादी बोर्ड
- झारखंड राज्य वन विकास निगम
- झारखंड राज्य आवास बोर्ड