राजस्थान: देश में कोरोना संकट के बीच टिड्डी दल का आतंक भी जारी है. राजस्थान के नए जिलों में ये दल दस्तक दे रही है. राज्य में अब दो जिले टिड्डी दल के निशाने पर है. टोंक और सवाईमाधोपुर जिलों में टिड्डी दल की एंट्री हो चुकी है. राजस्थान में अबतक टिड्डी दलों ने 33 में 29 जिलों में अपनी पैठ बना ली है.
बता दें कि राजस्थान के अलवर जिले में 30 मई को टिड्डी दलों ने दस्तक दी थी उसके बाद 8 जून को टोंका और सवाईमाधोपुर जिलों में टिड्डियों की घुशपैठ हुई. राज्य में अब तक कुल 6 से 8 जिले ऐसे है जहां कई दिनों से टिड्डियों का आतंक जारी है.
जयपुर में पिछले 10 दिनों से राहत थी लेकिन शुक्रवार को एक बार फिर टिड्डी दल यहां पहुंच गए. इन टिड्डियों को भगाने के लिए स्थानिये लोगों ने पटाखे फोड़े और थालिया बजाई. दरअसल देश में कई राज्यों में टिड्डी दल ने आतंक मचाया है और इसे लेकर कई राज्यों में अलर्ट जारी किए गए.
बता दें कि कई क्षेत्रों में आतंक मचा रहे टिड्डी दल पर विदर्भ और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में इन पर ड्रोन से नजर रखी जा रही है.
डायरेक्टरेट ऑफ प्लांट प्रोटक्शन क्वारंटाइन एंड स्टोरेज एंड एसडब्ल्यू के डिप्टी डायरेक्टर केयर गुर्जर का कहना है कि बुधवार को दिल्ली की ओर टिड्डी दल के जाने की चेतावनी गलत है. वे सभी टिड्डी दल अभी मुरैना की ओर जा रहे हैं, एसडब्ल्यूओ के पास 50 टीमें है जो अभी राजस्थान से मध्य प्रदेश तक पीढ़ियों के दलों पर नजर रखे हुए हैं, साथ ही इन टिड्डी दलों पर नजर बनाए रखने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है.
दरअसल इरान की ओर से आने वाला टीड्डीयों का झुंड पाकिस्तान होते हुए भारतीय सीमा पर हमला करता है, जिससे मुख्यतः तीन देशों की खेती और बागवानी को भारी नुकसान होता है. जिसमें अफ्रीका के अधिकतम देश टीड्डी दलों से परेशान हैं. टीड्डीयों के कारण फसल बर्बाद होने से यहां हर साल हजारों लोग भुखमरी की समस्या से जूझ रहे हैं.
टीड्डी मसले पर भारत ने पाकिस्तान को बैठक साझा अभियान चलाने की बात कही थी, भारत इस प्रस्ताव पर ईरान के साथ मिलकर कार्य करने के लिए तैयार है, लेकिन पाकिस्तान की ओर से अभी तक इस पर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. जबकि इस अभियान में रसायन पर होने वाला खर्च पूरा खर्चा भारत उठाने के लिए तैयार है. इसके लिए भारत ने ईरान को भी कीटनाशक भेजने का प्रस्ताव रखा है, ताकि टीड्डीयों को उनकी पैदाइश के स्थान पर ही मार दिया जा सके.