आशका पटेल
रांची: 4 जुलाई को भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा निकाली गई थी । आज मौसीबाड़ी में 9 दिनों के विश्राम के बाद सुबह 6 बजे भगवान के दर्शन के लिए पट खोला गया और साथ ही पूजा आरती हुई और घूरती रथ यात्रा की शुरुआत हुई ।
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उसी समय भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर मुख्य मंदिर लौट गए। घूरती रथ यात्रा के समय जहां हज़ारो की तादात मे श्रद्धालुओं की भीड़ थी और साथ ही रथ की रस्सी खीचने की होड़ मची रही।
तेज बारिश में रस्सी खिचते हुए श्रद्धालुओं के जय जगन्नाथ के नारे लगते रहे और सभी आगे बढ़ते रहे। मेले में आये लोग भगवान जगन्नाथ के दर्शन पाने के लिए भारी बारिश मे त्रिपाल ओर छाते का सहारा ले कर इंतजार करते नज़र आये।जय जगन्नाथ के नारे से पूरा परिसर गूंज उठा था।
यात्रा सम्पन्न होने के बाद भगवान जगन्नाथ 4 महीने के लिए निद्रा में चले जाएंगे। इनके रथ को नारियल की लकड़ी से बनाया जाता है जो दूसरी लकड़ियों से हल्की होती फिर रथ को लाल और पीले रंग से रंगा जाता है।