जमशेदपुर: महर्षि दयानंद सरस्वती के जन्म जयंती के अवसर पर टेल्को रिक्रिएशन क्लब में पतंजलि युवा भारत द्वारा “महर्षि दयानंद सरस्वती के विचारों के परिप्रेक्ष्य में प्रासंगिकता” विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया.
इस अवसर पर पतंजलि योगपीठ से जुड़े शिक्षक शिक्षिकाओं के लिए योग – आयुर्वेद एवं भारतीय संस्कृति आधारित प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें कमला बस्ताकोटी को प्रथम, डॉ. बालेश्वर प्रसाद को द्वितीय तथा के. पी. मनोहर कुट्टी को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि टाटा मोटर्स के महा प्रबंधक जीवराज सिंह संधु ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में महर्षि दयानंद सरस्वती के विचारों की अधिक प्रासंगिकता है. समाज में पाखंड और धार्मिक अज्ञानता की बहुलता है जिसे हम स्वामी जी के बताए मार्ग पर चल कर दूर कर सकते हैं. ‘ वेदों की ओर चलों ‘ यह उनकी प्रसिद्ध उक्ति थी जिसका अनुसरण करके हम भारत को पुनः विश्व गुरु के पद पर आसीन कर सकते हैं.
मुख्य वक्ता टेल्को आर्य समाज के आर्य देवव्रत जी ने कहा कि हर किसी को स्वामी दयानंद द्वारा रचित पुस्तक ‘ सत्यार्थ प्रकाश ‘ पढ़ने की आवश्यकता है. यदि स्वामी रामदेव ने ‘ सत्यार्थ प्रकाश ‘ नहीं पढ़ी होती तो पतंजलि योगपीठ का वह स्वरूप आज नहीं होता जो आज है. उन्होंने समाज धर्म से जुड़े हर पाखंड को दूर करने पर बल दिया.
समारोह का संचालन पतंजलि युवा भारत के जिला प्रभारी नरेन्द्र कुमार ने किया. मौके पर पतंजलि योगपीठ के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. मनीष दूडिया, वरिष्ठ योग शिक्षक इंद्रपाल वर्मा, उमा पति लाल दास, महिला पतंजलि की कमला बस्ताकोटि, गौरी कर, आरती सिन्हा, सुनीता चौहान, युवा भारत के रोहित कुमार ओझा, उत्तम चक्रवर्ती, गोपाल महतो आदि उपस्थित थे .