मुजफ्फरनगर: लगातार दी जा रही चेतावनी के बावजूद जनपद में प्रदूषण फैलाने से बाज नहीं आ रही दर्जनों फैक्ट्रियों के खिलाफ रविवार को प्रदूषण नियंत्रण विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है.
जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे के निर्देश पर आज प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने केके डुप्लेक्स सहित कई फैक्ट्रियां सील कर दी और उन पर जुर्माना भी किया है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अंकित सिंह ने बताया कि ऐडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान के तहत नाइट पेट्रोलिंग करते हुए रात्रि के समय एक अभियान चलाया गया, जिसमें जानसठ रोड स्थित के के डुप्लेक्स फैक्ट्री द्वारा मानक से अधिक प्रदूषण फैलाने के कारण फैक्ट्री को सील कर दिया गया और जुर्माना भी लगाया गया है.
उन्होंने बताया कि केके डुप्लेक्स एंड पेपर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा ईंधन के रूप में प्रतिबंधित ईंधन प्लास्टिक वेस्ट का प्रयोग किया गया है . इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए एसडीएम सदर दीपक कुमार व पुलिस टीम ने फैक्ट्री को सील कर दिया है और फैक्ट्री पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण के निर्देशों के क्रम में जुर्माना लगाए जाने की संस्तुति प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मुख्यालय को भेज दी गई है. इसके अलावा अन्य फैक्ट्री प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा प्रदूषण फैलाने वालों के विरुद्ध लगातार कार्रवाई की जा रही है.
एसडीएम ने पुलिस टीम के साथ गांव खेड़ी फिरोजाबाद के 8 को लोगों पर प्लास्टिक वेस्ट को ईंधन के रूप में प्रयोग किए जाने के कारण एसडीएम जानसठ अजय अम्बष्ट के सहयोग से कोल्हुओं को सील किया, ईपीसी अध्यक्ष भूरेलाल द्वारा जनपद में भ्रमण के दौरान भोपा रोड, जौली रोड, जानसठ रोड पर कई स्थानों पर औद्योगिक अपशिष्ट, प्लास्टिक वेस्ट व फ्लाई एश का भंडारण पाया गया था, जिसके संबंध में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उद्योगों को सख्त निर्देश जारी किए गए तथा प्लास्टिक वेस्ट के निस्तारण हेतु को प्रोसेसिंग के लिए सीमेंट प्लांट राजस्थान में भेजा गया.
विभिन्न स्थलों पर भंडारित प्लास्टिक वेस्ट के निस्तारण की मॉनिटरिंग हेतु जिलाधिकारी द्वारा विभिन्न विभागों के अभियंताओं की भी ड्यूटी लगाई गई, जिसके परिणामस्वरूप चिन्हित स्थलों से प्लास्टिक वेस्ट को हटाया जा चुका है तथा भोपा रोड पर एश प्लांट में फ्लाई एस में से लगभग 75% हटाई जा चुकी है तथा शेष को भी हटाया जा रहा है.
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा भोपा रोड, जौली रोड, जानसठ रोड पर स्थित 24 उद्योगों पर कार्रवाई करते हुए 97.5 लाख का जुर्माना लगाया गया है.