रामगढ़: सूर्य के धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश के अवसर पर मनाया जाने वाला मकर संक्रांति का त्यौहार जिले में भारतीय परंपरा के अनुसार मनाया गया. श्रद्धालुओं ने नदी तट पर स्नान कर भगवान सूर्य को याद करते हुए पूजा अर्चना की.
हालांकि ठंड की वजह से ज्यादातर लोगों ने घर में ही स्नान कर परंपरा के अनुसार पूजा पाठ किया. सनातन धर्म में भगवान सूर्य की विशेष महत्ता है. जिसके कारण मकर सक्रांति का पर्व देश के विभिन्न प्रांतों में अलग-अलग नामों से मनाया जाता है. लेकिन सभी स्थानों पर इस पर्व को मनाने का एकमात्र उद्देश्य भगवान सूर्य की आराधना है. कहीं इस पर्व को लोहड़ी, पोंगल तो कहीं बिहू पर्व के रूप में मनाया जाता है, जो मकर सक्रांति के ही स्थानीय नाम है.
मकर सक्रांति के अवसर पर धार्मिक परंपराओं के अनुसार पूजा-पाठ और दान पुण्य का अपना महत्व है. मकर सक्रांति के अवसर पर शहर में अनेक स्थानों पर लोगों के द्वारा दान पुण्य किया गया.
पंजाबी हिंदू बिरादरी ने गरीबों के बीच कंबल वितरण किया
पंजाबी हिंदू बिरादरी की ओर से मकर सक्रांति के अवसर पर गरीबों के बीच कंबल वितरण का कार्यक्रम किया गया. झंडा चौक स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर परिसर में लगभग सौ गरीबों को कंबल देकर कंप कपाती ठंड से राहत प्रदान करने की कोशिश की गई.
इस अवसर पर पंजाबी हिंदू बिरादरी के महासचिव महेश मारवाह ने बताया संस्था के द्वारा हर वर्ष गरीबों की सेवा के लिए इस तरह का कार्यक्रम किया जाता है. इस अवसर पर पंजाबी हिंदू बिरादरी के अध्यक्ष सूरत चंद्र वासुदेवा, उपाध्यक्ष मनजीत सिंह साहनी, मनोहर लाल मारवाह, ओमकार मल्होत्रा, जेके शर्मा सहित संस्था के अन्य सदस्य उपस्थित थे.
रामगढ़ चैंबर सेवा ट्रस्ट के द्वारा दही चूड़ा और तिलकुट का वितरण
सनातनी परंपरा के अनुसार, मकर सक्रांति के अवसर पर रामगढ़ चैंबर सेवा ट्रस्ट के तत्वधान में लेप्रोसी कॉलोनी में रहने वाले गरीब, दिव्यांग परिवारों के बीच दही चूड़ा और तिलकुट के साथ गर्म कपड़े एवं फलों का वितरण किया गया.
कार्यक्रम में रामगढ़ चैंबर सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष विनय कुमार अग्रवाल, कोषाध्यक्ष मोहम्मद फिरोज, रामगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष विमल बुधिया, पूर्व अध्यक्ष आनंद अग्रवाल, प्रदीप सिंह सहित चैंबर के अन्य सदस्य मौजूद रहे. चैंबर के सदस्यों ने बताया पिछले 10 वर्षों से रामगढ़ चैंबर सेवा ट्रस्ट के द्वारा मकर संक्रांति का त्यौहार जरूरतमंद लोगों के साथ मनाया जा रहा है. यह त्यौहार आपसी भाईचारा का प्रतीक है.