ज्योत्सना,
खूंटी: खूंटी जिले के सदर अस्पताल में कुपोषण उपचार पखवाड़ा के तहत छोटे बच्चों को अस्पताल के एमटीसी सेंटर में रखकर उपचार किया जा रहा है. कुपोषण उपचार केंद्र में भर्ती करने से पहले बच्चों का शारीरिक वजन मापा जाता है और उसके बाद कुपोषण के अनुसार उन्हें 15 दिनों तक एमटीसी सेंटर में रखकर पौष्टिक खाद्यान्न दिए जाते हैं. विटामिन समेत विभिन्न मिनरल भोज्य पदार्थ देने से बच्चों का शारीरिक विकास होता है.
मात्र 15 से 20 दिनों में बच्चों का शारीरिक वजन 400 से 500 ग्राम तक बढ़ता है. कुपोषण के कारण बच्चों को अन्य बीमारियां भी जल्द हो जाती है. ऐसे में कुपोषण का उपचार बच्चे और उनकी माताओं के लिए राहत देने वाला उपचार होता है.
खूंटी जिले के रनिया अड़की जैसे सुदूरवर्ती इलाकों से भी बच्चे कुपोषण उपचार पहुंचते हैं. जिन बच्चों का वजन उम्र के अनुसार मात्र 3 से 6 किलोग्राम होता है वैसे बच्चे भी उपचार के बाद अपना वजन 15 दिन में ही बढ़ा लेते है. बच्चे के साथ माताएं भी कुपोषण उपचार केंद्र में रहती हैं और उन्हें भी सरकार की ओर से नगद सहायता राशि दी जाती है.
खूंटी सदर अस्पताल के कुपोषण उपचार केंद्र में वर्तमान में 10 बच्चे भर्ती कराए गए हैं. सभी बच्चों का रख रखाव और इलाज नर्स और डॉक्टर करते हैं. प्रतिदिन कुपोषित बच्चों का इलाज बच्चों के लिए बनाए गए मेन्यू-चार्ट के अनुसार किया जाता है. सरकार की बच्चों को कुपोषण से मुक्त करने की योजना जिले में बेहतर तरीके से कार्यशील है.