रांची: रामनवमी पर 21 अप्रैल से मांगलिक कार्यों के शुभ मुहूर्त की शुरुआत होने जा रही है. ऐसे में शादी वाले परिवार तैयारियों में जुटे हुए हैं. लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे ने इन परिवारों की परेशानी भी बढ़ा दी है.
अप्रैल से जून तक शादियों की धूम है. शहर में सैकड़ों शादी समारोह होने हैं, मगर रविवार को राज्य सरकार की ओर से जारी गाइडलाइन ने इन परिवारों को असमंजस में डाल दिया है.
कोरोना की रफ्तार पकड़ने के साथ ही पहले शादी समारोह में मेहमानों की संख्या 200 व्यक्ति कर दी गई थी. लेकिन रविवार को गाइडलाइन में बदलाव कर मेहमानों की संख्या घटाकर 50 कर दी गई.
यह आंकड़ा तो सिर्फ वर-वधु पक्ष के लोगों से ही पार हो जाएगा. ऐसे में शादी समारोह वाले परिवार मेहमानों को बुलाने या न बुलाने की फेर में उलझे हुए हैं. वे तैयारियों को लेकर निर्णय भी नहीं ले पा रहे हैं.
20 जुलाई को आषाढ़ शुक्ल देवशयनी एकादशी होने से वैवाहिक या मांगलिक कार्य नहीं हो पाएंगे. 15 नवंबर को कार्तिक शुक्ल देवउठनी एकादशी से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे. इस साल अप्रैल के बाद मई और जून में विवाह के लिए अधिक मुहूर्त हैं. इन तिथियों के साथ ही अप्रैल में रामनवमी व अन्य त्योहारों पर भी देव मुहूर्त रहता है, जिनमें विवाह कर सकते हैं. अप्रैल से शुरू हो रहा वैवाहिक मुहूर्त 16 जुलाई तक रहेगा. इसके बाद चातुर्मास लग जाएगा.