नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिये देश को संबोधित कर रहे हैं. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज दो गज की दूरी एक अनिवार्य जरूरत बन गई है. कोरोना के काल में पूरी दुनिया परिवर्तनों के दौर से गुजर रही है. इस संकट ने परिवारों को जोड़ने का काम किया है. उन्होंने कहा कि देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार हैं. ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी.
विद्वान और चिन्तक भी थे वीर भगत सिंह
कल, 28 सितम्बर को हम शहीद वीर भगतसिंह की जयंती मनाएंगे. मैं, समस्त देशवासियों के साथ साहस और वीरता की प्रतिमूर्ति शहीद वीर भगतसिंह को नमन करता हूं. शहीद भगतसिंह पराक्रमी होने के साथ-साथ विद्वान भी थे और चिन्तक भी. अपने जीवन की चिंता किए भगतसिंह और उनके क्रांतिवीर साथियों ने ऐसे साहसिक कार्यों को अंजाम दिया, जिनका देश की आजादी में बहुत बड़ा योगदान रहा: पीएम मोदी
सब्जियों को कहीं पर भी बेचने की ताकत
आज, गांव के किसान sweet corn और baby corn की खेती से ढ़ाई से तीन लाख प्रति एकड़ सालाना कमाई कर रहे हैं. इन किसानों के अपने फल- सब्जियों को कहीं पर भी, किसी को भी बेचने की ताकत है और ये ताकत ही उनकी इस प्रगति का आधार है: पीएम मोदी
किसानों को मिला फायदा
हरियाणा के एक किसान भाई में मुझे बताया कि कैसे एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में दिक्कत आती थी, लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को APMC Act से बाहर कर दिया गया,
इसका उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ: पीएम मोदी
हमारे किसान आत्मनिर्भर भारत का आधार
हमारे यहां कहा जाता है, जो जमीन से जितना जुड़ा होता है, वो बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता है. कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है. देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार हैं. ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नीवं मजबूत होगी. बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है, अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है: पीएम मोदी
हमारे यहां कथा की परंपरा
मैं अपने जीवन में बहुत लम्बे अरसे तक एक परिव्राजक के रूप में रहा. घुमंत ही मेरी जिंदगी थी. हर दिन नया गांव, नए लोग, नए परिवार. भारत में कहानी कहने की, या कहें किस्सा-कोई की, एक समृद्ध परंपरा रही है. हमारे यहां कथा की परंपरा रही है. ये धार्मिक कहानियां कहने की प्राचीन पद्धति है: पीएम मोदी
लोककथाए सुनाने की परंपरा
कहानियों का इतिहास उतना ही पुराना है, जितनी मानव सभ्यता. कहानी की ताकत महसूस करना हो तो किसी मां को अपने बच्चों को खाना खिलाते वक्त कहानियां सुनाते हुए सुनें. हमारे यहां तरह-तरह की लोककथाए सुनाने की परंपरा रही है. कर्नाटक और केरल में कहानियां सुनाने की बहुत रोचक पद्धति है, इसे बिल्लू पाठ कहा जाता हैः पीएम मोदी
नई शिक्षा नीति में खिलौने का जिक्र
बता दें कि पिछली बार 30 अगस्त को पीएम मोदी ने मन का बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया था. इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने खिलौने, मोबाइल गेम्स, कृषि उत्सव, पोषण, देसी कुत्तों की गुणवत्ता जैसे कई मुद्दों पर अपने विचार रखे थे. नई शिक्षा नीति में खिलौने का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने बताया था कि खेल-खेल में सीखना, जहां खिलौने बनते हैं वहां बच्चों का विजिट करना यह सब पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. इससे बच्चों की क्षमता और रचनात्मकता बढ़ेगी. उन्होंने स्टार्ट अप से लेकर छोटे, लघु मध्यम, बड़े सभी शामिल हो सकते हैं ताकि 7 लाख करोड़ के वैश्विक बाजार मे भारत भी हिस्सा ले सके.