खास बातें:-
👉पूर्व की सरकार में सचिव रैंक के पद पर बिठाए गए जूनियर अफसर
👉रघुवर सरकार में जूनियर अफसर भी बनाए गए थे प्रमंडलीय आयुक्त
👉पहले सचिव रैंक के अफसर होते थे प्रमंडलीय आयुक्त
👉सीनियरिटी नहीं होने के कारण एक प्रमोटी आइएएस नहीं बन पाए सेक्रेट्री
रांचीः झारखंड की ब्यूरोक्रेसी में कई परंपराएं टूटी. नई व्यवस्था भी बनी. पूर्व की सरकार में जूनियर अफसर को प्रमंडलीय आयुक्त की जिम्मेवारी सौंपी गई. जबकि प्रमंडलीय आयुक्त का पद सचिव रैंक का होता है.
पूर्व की सरकार में विनोद कुमार, विमल, अरविंद कुमार और वीरेंद्र भूषण को प्रमंडलीय आयुक्त की जिम्मेवारी सौंपी गई थी. इसमें अरविंद कुमार, वीरेंद्र भूषण और विनोद कुमार 2005 बैच के अफसर हैं. जबकि विमल 2004 बैच के अफसर हैं.
हालांकि इसमें से अरविंद कुमार, विनोद कुमार और विमल रिटायर हो चुके हैं. जबकि वीरेंद्र भूषण 31 मई 2021 को रिटायर होंगे. वीरेंद्र भूषण की सीनियरिटी को लेकर एक बार फिर पेंच फंसा.
हालांकि इस पेंच को सरकार ने सुलझा लिया. हालांकि अब भी 2006 बैच के अफसर कमल जॉन लकड़ा उत्तरी छोटानागपुर के प्रमंडलीय आयुक्त हैं.
सचिव बनते बनते रह गए वीरेंद्र भूषण
2005 के आइएएस अफसर वीरेंद्र भूषण के काफी जूनियर होने के कारण और आइएएस लॉबी के बड़े विरोध के कारण जलसंसाधन सचिव बनते-बनते रह गए.
हुआ यूं कि 2005 बैच के आइएएस को अभी सचिव रैंक में प्रोन्नति नहीं मिली है. इस कारण इस बैच के अफसर के निवासन को खान एवं भूतत्व विभाग का प्रभारी सचिव बनाया गया है. लेकिन वीरेंद्र भूषण को जलसंसाधन विभाग का सचिव बना दिया गया था.
इसके बाद विवाद शुरू हुआ कि 2005 बैच के ही आइएएस केएन झा और जटाशंकर चौधरी उनसे सीनियर हैं. इसके बाद आदेश को विलोपित कर दिया गया.
हालांकि वीरेंद्र भूषण एक जनवरी 2021 को सचिव रैंक में पहुंच जाएंगे. बताते चलें कि पूर्व में आइएएस बनने वाले अफसरों की पहली पोस्टिंग एडीएम के पद पर होती थी.
उसके बाद उन्हें कुछ दिनों के लिए सचिवालय में पदस्थापित किया जाता था. फिर डीडीसी या डीसी की जिम्मेवारी सौंपी जाती थी. लेकिन अब यह परंपरा समाप्त हो चुकी है.
16 साल की सेवा के बाद सचिव रैंक में होता है प्रमोशन
किसी भी आइएएस की सेवा के 16 साल बाद सचिव रैंक में प्रोन्नति होती है. विशेष सचिव का वेतनमान 118500 से 214100 है. जबकि सचिव रैंक के अफसरों का वेतनमान 144200 से 218200 रुपए होता है. खास कर राज्य सेवा से आइएएस संवर्ग में प्रमोट हुए अधिकांश अफसर अब तक विशेष सचिव रैंक के हैं.