उत्तर प्रदेश: जो काम प्रशासन ना कर सकी वो काम बाघ के खौफ ने कर दिखाया. जान है तो जहान है. जिंदगी किसे प्यारी नहीं होती अपनी जान बचाने के लिए लोगों ने कर डाला वो काम जिसे प्रशासन भी ना करा सकी. बुंदेलखंड के महोबा और हमीरपुर जिले की सीमा में दो गांव में बाघ घुस आया है, जिसके डर से ग्रामीण घरों में दुबके हुए हैं और खुले में शौच के लिए नहीं जा रहे हैं. बता दें कि हमीरपुर और महोबा जिले को बहुत पहले ही ओडीएफ घोषित किया जा चुका है. गांवों के हर घर में शौचालय भी बने हुए हैं, इसके बावजूद ग्रामीण खुले में शौच करने से बाज नहीं आ रहे थे.
जिला प्रशासन की लाख कोशिशों के बाद भी ग्रामीण खुले में शौच के लिए जा रहे थे, तभी 21 नवंबर को अचानक एक बाघ हमीरपुर/महोबा जिले की सीमा में दहाड़ने लगा.
बाघ की दहाड़ से घबराए ग्रामीण घरों में कैद हो गए और खुले में शौच पर पूरी तरह रोक लग गई. महोबा के डीएफओ ने बताया कि यह एक वयस्क रॉयल बंगाल टाइगर है जो मध्य प्रदेश के पन्ना के जंगलों से भटककर यहां आ गया है.
मौके पर पहुंचे वन विभाग के डीएफओ ने बताया कि कुनेहटा गांव के खेत में बाघ दिखने की सूचना मिली थी, जिसके आधार पर महोबा के साथ-साथ हमीरपुर से भी वन विभाग की टीम को बाघ पकड़ने के लिए बुलाया गया. महोबा में बाघ का आना किसी बड़े आश्चर्य से कम नहीं है. शासन के द्वारा लखनऊ, कानपुर और झांसी से वन विभाग की स्पेशल टीमों को रवाना किया गया है.
ग्रामीणों को खुद की सुरक्षा को लेकर आग जलाकर रात गुजारने के लिए सतर्कता बरतने की हिदायद दी गई है. बाघ को पकड़ने के लिए पिंजरा भी लाया गया है.
पिछले 4 दिनों से वन विभाग और पुलिस की टीम जंगल में इस बाघ को पकड़ने की कवायद में जुटी हुई है. हालांकि अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है. कुनेहटा गांव के किसान ने बताया कि सबसे पहले उसके खेत में यह बाघ दिखाई दिया था. किसान का कहना है कि जंगल में टाइगर की मौजूदगी के चलते सभी ग्रामीण घरों में दुबके हुए हैं और कोई भी खुले में शौच के लिए जंगल में नहीं जा रहा है.
यह इस टाइगर का खौफ ही है कि हमीरपुर जिले के कुनेहटा और महोबा जिले के ग्यूडी गांव के सभी ग्रामीण 4 दिनों से खुले में शौच को नहीं जा रहे हैं. शायद इसलिए लोग इस बाघ को ओडीएफ का ब्रांड एम्बेसडर बताते हुए मजे ले रहे हैं.