रांचीः झारखंड आंदोलन के प्रमुख शख्सियत मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की 117वीं जयंती के अवसर पर भाकपा के राज्य सचिव भुवनेश्वर प्रसाद मेहता ने कहा कि मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की झारखंड आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
साथ ही भारत के संविधान निर्माण में भी उनकी भूमिका रही. अखिल भारतीय आदिवासी महासभा को उन्होंने भाकपा नेता एबी बर्धन के सहयोग से गठित किया.
भाकपा जिला सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि झारखंड की राजधानी रांची स्थित जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम में मरांग गोमके की प्रतिमा आज उपेक्षित पड़ी हुई है.
इस मामले में जिला प्रशासन को सचेत होने की जरूरत है. राज्य परिषद सदस्य उमेश नज़ीर ने कहा कि मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा ने हाकी खिलाडी से लेकर एक प्रतिबद्ध आदिवासी नेता के रूप में खुद को स्थापित किया.
उन्होंने कहा कि मरांग गोमके के सपनों के साथ बराबर झारखंड की सरकार विश्वासघात किया है. आज उनके सपने झारखंड की जन आकांक्षा में बदल चुकी है.
चर्चा के बाद राज्य सरकार से अपील की गई है कि जयपाल सिंह मुंडा की प्रतिमा को ससम्मान पुनर्स्थापित किया जाए.
इस मौके पर कन्हाई कुमार, देबू घोष, मनोज ठाकुर, श्यामल चक्रवर्ती, प्रिया परबीन सहित कई पार्टी सदस्य व समर्थक मौजूद थे.