ज्योत्सना,
खूंटी: जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और पद्मभूषण सम्मानित पूर्व सांसद कड़िया मुंडा एवं पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री सह खूंटी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा आज भगवान बिरसा मुंडा के प्रसिद्ध युद्ध स्मारक डुम्बारी बुरु पहुंचे. डुम्बारी बुरु में स्थापित मुंडा आदिवासियों की ससान्दिरी और भगवान बिरसा मुंडा की आदमकद प्रतिमा पर माल्यार्पण कर शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
बड़ी संख्या में मुंडा आदिवासियों और बिरसाईतों ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और पद्मभूषण सम्मानित पूर्व सांसद कड़िया मुंडा एवम पूर्व ग्रामीण विकास मंत्री सह खूंटी विधायक नीलकंठ सिंह मुंडा का पारंपरिक तौर तरीके से स्वागत किया. आदिवासी परिधानों में मुंडा आदिवासी ढोल, नगाड़ों और मांदर की थाप पर जनप्रतिनिधियों का स्वागत किया.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने शहादत दिवस के मौके पर बिरसा मुंडा के परपोते सुखराम मुंडा को शॉल देकर सम्मानित किया. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम इस बात की चिंता करें कि आने वाला भविष्य हम कैसा बनाना चाहते हैं. हमें उलझने और उलझाने की जरूरत नहीं है सुलझने और सुलझाने की जरूरत है. हमें वैसे चीजों पर ध्यान देने की जरूरत है जिससे हमारे बच्चों का भविष्य बना रहे, गांव का भविष्य और जंगल झाड़ का भविष्य प्राकृतिक संतुलन के हिसाब से बना रहे इसलिए हमें उन चीजों का ध्यान रखते हुए बिरसा मुंडा और उनके योद्धाओं का स्मरण करते हुए आने वाले समय के लिए कार्य करने की जरूरत है.
डुम्बारी बुरु अंग्रेजों के साथ मुंडा आदिवासियों की गौरवपूर्ण गाथा की याद दिलाती है. इस दिन जंगल जमीन की रक्षा करते हुए मुंडा आदिवासी पुरुष और महिलाएं गोद मे लिए दुधमुंहे बच्चों के साथ अंग्रेज सिपाहियों के साथ लड़ते हुए डुम्बारी बुरु में शहीद हुए थे. 400 से ज्यादा महिला पुरुष अंग्रेजी हुकूमत के विरुद्ध तीर धनुष लेकर अपनी अस्मिता की रक्षा के लिए निकले थे. उनकी स्मृति में प्रत्येक वर्ष 9 जनवरी को डुम्बारी बुरु में मेला का आयोजन किया जाता है.