लखनऊ: संत शिरोमणि रविदास की जयंती के बहाने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और समाजवादी पार्टी (सपा) पर परोक्ष रूप से जातिवादी राजनीति करने का आरोप लगाते हुये बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी की सरकार आने पर उत्तर प्रदेश के भदोही जिले का नाम फिर से बदलकर संत रविदासनगर रखा जायेगा.
मायावती ने कहा कि महान संतगुरु रविदास का ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ का मानवतावादी संदेश धर्म को तुच्छ राजनीतिक स्वार्थ के लिए नहीं बल्कि सामाजिक सेवा और जनचेतना के लिए प्रयोग करने का था, जिसे वर्तमान में खासकर शासक वर्ग ने भुला दिया गया है और यही कारण है कि देश विभिन्न समस्याओं से ग्रस्त है. संत रविदास ने अपना सारा जीवन इन्सानियत का संदेश देने में गुजारा और जाति भेद के खिलाफ आजीवन कड़ा संघर्ष करते रहे.
उन्होंने कहा कि आज के संकीर्ण एवं जातिवादी दौर में उनके मानवतावादी संदेश की बहुत ही ज्यादा अहमियत है और मन को हर लिहाज से वाकई चंगा करने की जरूरत है. वाराणसी में छोटी समझी जाने वाली जाति में जन्म लेने के बावजूद भी प्रभु-भक्ति के बल पर ब्रम्हाकार हुये. एक प्रबल समाज सुधारक के तौर पर वे हिन्दू समाज की कुरीतियों के खिलाफ और उसमें सुधार लाने का पुरजोर कोशिश करते रहे थे.
बसपा प्रमुख ने कहा कि संतगुरू के आदर-सम्मान में एवं उनकी स्मृति को बनाये रखने के लिये बसपा सरकार ने उत्तर प्रदेश में जो कार्य किया उनमें संत रविदास के नाम पर भदोही जिले का नामकरण, संत रविदास की जन्म नगरी वाराणसी में संत रविदास पार्क एवं घाट की स्थापना, फैजाबाद में संतगुरू रविदास राजकीय महाविद्यालय का निर्माण, वाराणसी में ही संत रविदास की प्रतिमा की स्थापना, संत रविदास सम्मान पुस्कार की स्थापना आदि प्रमुख हैं.
उन्होने कहा कि बसपा के सत्ता में आने पर भदोही जिले का नाम फिर से संत रविदास नगर रखा जायेगा, जिसे जातिवादी मानसिकता के तहत ही पिछली सपा सरकार ने बदल दिया है.