रांची: ओड़िशा की सीमा से सटे और सारंडा वन क्षेत्र में बसे मझगांव विधानसभा क्षेत्र में इस बार विधानसभा चुनाव में मुकाबला बड़ा दिलचस्प है. गरीबी, बेरोजगारी, पलायन और विकास से कोसो दूर मझगांव विधानसभा सीट के लिए इस बार कुल 16 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है, लेकिन चुनाव में मुख्य मुकाबला झारखंड मुक्ति मोर्चा के नीरल पूर्ति और भाजपा के भूषण पाठ पिंगुवा के बीच है, वहीं मुकाबले को भाजपा के बागी सह पूर्व मंत्री बड़कुंवर गगराई त्रिकोणीय बनाने में जुटे है. सभी प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है और क्षेत्र में चुनाव प्रचार पूरी तरह से उफान पर है. प्रत्याशी सुबह से शाम तक गांव-गांव घर-घर मे घूम घूम कर ठंड में अपना भी पसीना बहा रहे हैं.
मझगांव विधानसभा वर्तमान में झामुमो के कब्जे में है और यहां से झामुमो ने फिर से यहां से विधायक नीरल पूर्ति को चुनाव मैदान में उतारा है. भाजपा ने आदिवासी हो समाज युवा महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष और हाल में ही भाजपा में शामिल हुए कांग्रेसी नेता सह पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के करीबी भूषण पाठ पिंगुवा को अपना प्रत्याशी बनाया है, लेकिन भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री बड़कुंवर गागराई भी भारतीय आजाद सेना के प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतर गये हैं. गागराई का चुनाव चिह्न कैंची छाप है और यह चुनाव चिह्न कोल्हान और सिंहभूम जिले में काफी प्रसिद्ध और चर्चित चुनाव चिह्न है.
कैंची छाप चुनाव चिन्ह से पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा निर्दलीय विधायक बन कर मुख्यमंत्री तक के पद को सुशोभित कर चुके हैं और कैंची छाप से ही वे सांसद का चुनाव लड़कर चुनाव जीते और सांसद बने हैं.
मझगांव विधानसभा में झामुमो प्रत्याशी नीरल पूर्ति और पूर्व में भाजपा से विधायक और मंत्री बने बड़कुंवर गगराई का ही दबदबा रहा है. एक बार नीरल पूर्ति, दूसरी बार बड़कुंवर गगराई चुनाव जीतते रहे हैं. इस तरह एक बार नीरल पूर्ति को यहां की जनता जीताती है तो दूसरी बार उन्हें हराकर बड़कुंवर गगराई को ,यही विधानसभा का इतिहास रहा है. उस लिहाज से इस बार विधानसभा से भाजपा के बड़कुंवर गगराई के जीतने की संभावना मानी जाती थी.
मगर इस बार भाजपा ने बड़कुंवर गगराई का टिकट काटकर भूपेंद्र पिंगुआ उर्फ भूषण पाठ पिंगुआ को अपना प्रत्याशी बनाया है. भूषण पाठ पिंगुआ आदिवासी महासभा में रहते हुए सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते रहे हैं. इसके साथ ही धर्मांतरण को लेकर काफी मुखर भी रहे हैं. मझगांव विधानसभा से जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं और आजसू पार्टी से नंदलाल बिरुवा चुनाव मैदान में खड़े हैं और जमकर पसीना बहा रहे हैं.
ईचा डैम से विस्थापन प्रमुख मुद्दा
मझगांव विधानसभा में ईचा खरकई डैम प्रमुख मुद्दों में शामिल रहा है और ईचा खरकई डैम जीत और हार का फैसला करता है. झामुमो प्रत्याशी नीरल पूर्ति डैम निर्माण का विरोध कर रहे हैं. वहीं सरकार डैम बनाने में लगी है. डैम निर्माण को लोगों को समझाया जा रहा है कि भाजपा की सरकार बनेगी तो डैम बनेगा और लोग विस्थापित होंगे कई गांव डूब जाएंगे. ईचा खरकाई डैम काफी हद तक मझगाव विधानसभा में जीत हार का फैसला करेगा.