प्रमोद उपाध्याय,
हजारीबाग: हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पदस्थापित सीनियर डॉक्टर को 3 माह से वेतन नहीं मिला है. डॉक्टरों ने अस्पताल के ओपीडी में बैठना बंद कर दिया है.
ओपीडी बंद होने के कारण इलाज कराने आए मरीजों को मायूस होकर लौटना पड़ रहा है. सोमवार को सभी सीनियर डॉक्टरों ने कार्य करने से इनकार कर दिया और हड़ताल पर चले गये.
डॉक्टरों ने कॉलेज प्रिंसिपल को आवेदन दिया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी कर्मचारियों को दिपावली तक वेतन भुगतान का आदेश दिया है.
उसके बाद भी आज तक वेतन नहीं मिला जिसके कारण हमलोग कि बीच भुखमरी का नौबत आ गयी है. 3 महीने से लगातार काम करते आ रहे हैं फिर भी सरकार और विभाग ने आज तक ध्यान नहीं दिया.
डॉक्टर समस्या को लेकर बहुत बार सरकार और विभाग को पत्र के माध्यम से अपनी समस्या से अवगत कराते रहे हैं लेकिन निराकरण नहीं हुआ है. डॉक्टर कि पढ़ाई खत्म होने के बाद सरकार ने सभी सीनियर डॉक्टरों को मेडिकल काउंसिल से रजिस्टर करने की अनुमति नहीं दी.
उन्होंने कहा हमलोग को अभी डिग्री से भी वंचित कर दिया गया है. आवेदन में लिखा है कि अस्पताल में डॉक्टरों को सुरक्षा और बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिली है.
सरकार वेतन वृद्धि नहीं कर रही है. झारखंड को छोड़कर अन्य सभी राज्य में, बॉउड़ अवधी के दौरान सभी मेडिकल कॉलेजों में सीनियर डॉक्टर को लगभग हर महीने 80 हजार रूपये वेतन मिलता है.
यहां पर 60 हजार रूपये वेतन देखर काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा है. वेतन कम होने के बाद भी सरकार ने 3 महीने से वेतन नहीं दिया है.
सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की बात कहती है. सरकार हमारी मांग पुरी नहीं करती है तो मेडिकल कॉलेज में छात्रों का क्लास अगले सप्ताह से लेना बंद कर दिया जाएगा.